पठानकोट/गुरदासपुर। पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने प्रकाश सिंह बादल ने चुनाव प्रक्रिया व भारतीय चुनाव आयोग का मजाक बना दिया है, जो जालंधर में सरेआम उद्योगपतियों को अकाली दल के प्रत्याशी पवन कुमार टीनू को चुनाव प्रचार के लिए फंड देने को कह रहे हैं। विधानसभा क्षेत्र भोआ में श्रृंखलाबद्ध बैठकों को संबोधित करते हुए बाजवा ने इस मुद्दे को लेकर बादल जैसे वरिष्ठ नेता की संवैधानिक व नैतिक जिम्मेदारी पर सवाल खड़े किए।
उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की चुनाव मैनेजमेंट की नीति व तरीकों के बारे में हर कोई जानता है, जो पैसे व ताकत के इस्तेमाल से चुनाव जीतने में विश्वास रखते हैं। इस क्रम में बादल द्वारा लोगों में किए इस खुलासे से यह पता चलता है कि बादल चुनाव जीतने के लिए किस हद तक जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि बादल राज्य में पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपने दूसरे चुनाव के दौरान पैसे की ताकत का इस्तेमाल किया था, हालांकि यह चुनाव वह कांग्रेस से हार गए थे। उन्होंने कहा कि बादल अपना पहला चुनाव 1957 में कांग्रेस की टिकट पर लड़े थे, परंतु बाद में उनकी विरासत बदल गई। उन्होंने कहा कि बादल बहुत बड़े पाखंडी, मौका परस्त एवं एक बेरहम सियासतदान हैं।
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