नई दिल्ली। वाराणसी से कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपने कैंडिडेट का ऐलान कर दिया है। अजय राय बनारस में मोदी को चुनौती देंगे। उनके नाम की चर्चा काफी समय से हो रही थी। कांग्रेस ने कहा था कि मोदी के खिलाफ वह मजबूत कैंडिडेट उतारना चाहती है, लेकिन इस नाम के ऐलान में काफी वक्त लगा। इस बीच दिग्विजय सिंह से लेकर आनंद शर्मा तक काफी कांग्रेसी नेताओं ने बनारस से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। आखिरकार पार्टी ने अजय राय को टिकट देने का फैसला किया है। पांच बार से विधायक अजय राय दो बार पार्टी बदल चुके हैं। वह बीजेपी में भी रहे हैं। इस वक्त वह पिंडरा से कांग्रेस के एमएलए हैं। राय को चुनने की वजह यह हो सकती है कि वह भूमिहार हैं और लोकल हैं। साथ ही उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनावों में कड़ी टक्कर दी थी। पिछले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट के रूप में चुनाव लड़ने वाले अजय राय तीसरे नंबर पर रहे थे, यह चुनाव बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी ने थोड़े अंतर से जीता था। कांग्रेस लीडर्स ने बताया कि बाहर से उतारे गए किसी कैंडिडेट की तुलना में उनका आकर्षण कहीं ज्यादा होगा। साथ ही ब्राह्मण-भूमिहार कम्युनिटीज में उनका अच्छा सपोर्ट बेस है।
इससे पहले राजेश मिश्रा का नाम भी चर्चा में था, लेकिन कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक यूपी में बीजेपी के टिकट बंटवारे से ब्राह्मण-भूमिहार कम्युनिटी नाखुश है, ऐसे में राजेश मिश्रा की तुलना में राय की उम्मीदवारी इस असंतोष का बेहतर तरीके से फायदा उठा पाएगी। 2009 के इलेक्शन में कांग्रेस ने राजेश मिश्रा को कैंडिडेट बनाया था, लेकिन वह चौथे नंबर पर रहे थे। 2009 के चुनाव में वाराणसी से लोकसभा का टिकट न दिए जाने के कारण अजय राय ने बीजेपी छोड़ दी थी।
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