अहमदाबाद। बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी गुजरात में अपनी सफलताओं और देशभर के नौजवानों में अपने प्रति आस्था के नाम पर प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं, लेकिन उन्हीं के गुजरात में नौजवान स्टूडेंट्स ने उनकी अपनी पार्टी बीजेपी के विद्यार्थी संगठन एबीवीपी के बजाय कांग्रेस के विद्यार्थी संगठन एनएसयूआई को जबर्दस्त जीत दिलाई है। गुजरात यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के चुनावों में एनएसयूआई ने आठ में से छह सीटों पर कब्जा किया है। एबीवीपी को सिर्फ दो सीटों पर जीत मिली। इसके अलावा दो सीटें ऐसी थीं जिन पर एनएसयूआई ने चुनाव नहीं लड़ा था, लिहाजा उन्हें जीतकर एबीवीपी ने अपना स्कोर 4 कर लिया। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने रविवार को चुनाव नतीजों का ऐलान किया। वाइस चांसलर एम. एन. पटेल ने कहा, 'सभी 10 सीटों के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। एनएसयूआई को 6 और एबीवीपी को चार सीटें मिली हैं।'
एनएसयूआई के स्टेट प्रेजिडेंट धनराज सिंह वाघेला ने कहा कि स्टूडेंट्स ने कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई पर भरोसा जताया है। इससे पता चलता है कि युवा भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के दावों से प्रभावित नहीं हैं। हालांकि एनएसयूआई ने पिछले साल भी इन पदों को जीता था। राज्य की कई यूनिवर्सिटियों में एनएसयूआई ने 24 में से 15 महत्वपूर्ण पदों पर कब्जा किया है। अपने करीब आधे विधायकों को बीजेपी के हाथों खो चुकी कांग्रेस के लिए यह राहत की खबर है। कांग्रेस इसे अपने लिए भुनाने की कोशिश भी कर रही है। राज्य के कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा, 'गुजरात यूनिवर्सिटी 10 जिलों में फैली हुई है, यानी इसका असर 7 लोकसभा सीटों पर है। यूनिवर्सिटी सेनेट के चुनाव नतीजों ने साबित कर दिया है कि युवा हमारे साथ हैं और इससे लोकसभा चुनावों में बड़ा अंतर देखने को मिलेगा।' (साभार)
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