लखनऊ (अतुल चंद्रा)। भाजपा नरेंद्र मोदी को वाराणसी से ही चुनाव लड़ाने के लिए क्यों इतनी आतुर है, लखनऊ या किसी अन्य सीट से क्यों नहीं? इसका जवाब यूपी के जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों में खोजा जा सकता है। पहली बार भाजपा पिछड़ी जाति के किसी नेता को पीएम पद का दावेदार बना रही है। मोदी से पहले यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह भी राष्ट्रीय स्तर पर आने के सपने संजोया करते थे लेकिन वह दौर अटल बिहारी वाजपेयी का था। तब उनके सपने पूरे नहीं हुए। लोध जाति के कल्याण सिंह ने ग़ुस्से में भाजपा छोड़ थोड़े समय के लिए मुलायम सिंह यादव से हाथ मिलाया था। यूपी में लगभग 32 फ़ीसदी लोग पिछड़ी जाति के हैं। पूर्वी यूपी में, जहां से 22 सांसद चुने जाएंगे, पिछड़ी जाति का बाहुल्य है। ऐसे में वाराणसी से मोदी का चुनाव लड़ना राजनैतिक दूरदर्शिता का कदम कहा जा सकता है।
पिछड़ी जाति की राजनीति के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश राज्य का सबसे पिछड़ा और ग़रीब क्षेत्र है। मोदी ने वाराणसी और गोरखपुर की सभाओं में इस क्षेत्र की ग़रीबी दूर करने का वादा किया है। मोदी ने विकास की राजनीति को चुनावी मुद्दा बनाया है और अपनी हर सभा में गुजरात के विकास का ज़िक्र किया है। वाराणसी में ही मुसलमानों के अलावा ब्राह्मण और पिछड़ी जाति के लोग अधिक हैं। इतना ही नहीं वाराणसी के ज़रिए भाजपा की निगाहें बिहार और झारखंड की कुछ सीटों पर भी हैं। बिहार में गया, बक्सर और आरा की सीट और झारखंड का पलामू वाराणसी के नज़दीक है और पार्टी को उम्मीद है कि मोदी की वाराणसी में मौजूदगी का असर इन सीटों पर ज़रूर होगा। वाराणसी संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों में से तीन वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण और वाराणसी कैंट भाजपा के पास हैं। पार्टी को विश्वास है कि इन सभी विधानसभा क्षेत्रों से मत मोदी के पक्ष में जाएंगे। साथ ही रोहनिया विधान सभा क्षेत्र के पिछड़े वर्ग के मतदाता भी मोदी के ही पक्ष में मतदान करेंगे। रोहनिया से अपना दल की अनुप्रिया पटेल विधायक हैं। इस बार वाराणसी में पहली बार 60 हज़ार युवा वोटिंग करेंगे। यदि यह माना जाए कि इस बार के युवा वोटर मोदी के साथ हैं तो इन 60 हज़ार मतदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। (साभार बीबीसी)
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।