नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के बाद जेडी (यू) से निकाले गए साबिर अली को बीजेपी में शामिल करने के बाद 'परिवार' में तूफान मच गया है। मुख्तार अब्बास नकवी समेत बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने खुलकर इस फैसले की मुखालफत की है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी 'काडर की भावना का सम्मान करते हुए' पार्टी नेतृत्व से खुलकर कह दिया है कि साबिर अली की सदस्यता रद्द करे। सूत्र बता रहे हैं कि आज ही बीजेपी साबिर अली से किनारा करने की घोषणा कर सकती है।
कर्नाटक में श्रीराम सेना के विवादित नेता प्रमोद मुथालिक को शामिल कर फजीहत झेल चुकी बीजेपी अब साबिर अली को पार्टी में शामिल करने को लेकर बैकफुट पर है। कोई भी बड़ा नेता इस पर ऑन रिकॉर्ड कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन वे मान रहे हैं कि कार्यकर्ताओं में जबर्दस्त नाराजगी है। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के करीबी माने जाने वाले और पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि पार्टी साबिर अली के बारे में आए नए तथ्यों की जांच कर रही है, उसके बाद कोई फैसला लेगी। सुधांशु त्रिवेदी उन तीन नेताओं में शुमार हैं, जो शुक्रवार को साबिर अली के बीजेपी में शामिल होने के वक्त मंच पर थे। उनके अलावा उस वक्त मंच पर बिहार के प्रभारी महासचिव धर्मेंद्र प्रधान और जेपी नड्डा थे। संघ के एक बड़े नेता के मुताबिक 'संगठन इस बारे में कार्यकर्ताओं की भावना से परिचित है और पार्टी नेतृत्व को भी इससे अवगत करा दिया गया है।' उन्होंने उम्मीद जताई कि आज शाम तक इस पर कोई फैसला हो जाएगा। सूत्रों का कहना है कि कल देर शाम ही संघ ने अपना विरोध जताते हुए पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से फैसला वापस लेने को कह दिया था। संघ के नेता और मीडिया में संगठन का पक्ष रखने वाले राम माधव ने शनिवार को ट्वीट किया, 'साबिर अली को पार्टी में शामिल किए जाने से कार्यकर्ताओं में जबर्दस्त आक्रोश है। पार्टी नेतृत्व को इस फैसले के खिलाफ कार्यकर्ताओं की नाराजगी और भावना से अवगत करा दिया गया है।'
साबिर अली को बीजेपी में शामिल करते ही पार्टी उपाध्यक्ष और लंबे समय से बीजेपी का अल्पसंख्यक चेहरा माने जाने वाले मुख्तार अब्बास नकवी ने ट्वीट किया, 'भटकल का दोस्त बीजेपी में शामिल..अब दाऊद की बारी।' इसके बाद उन्होंने मीडिया में भी सवाल उठाया कि आतंकी और अपराधी से संबंध रखने वाला बीजेपी में कैसे आ सकता है। नकवी के बयान से पार्टी सन्नाटे में आ गई थी, रही-सही कसर मोदी के करीबी माने जाने वाले राष्ट्रीय सचिव रामेश्वर चौरसिया ने पूरी कर दी। चौरसिया ने कहा, 'जो आदमी पटना रैली में ब्लास्ट को संघ की साजिश बता रहा था और कल तक हमारे प्रधानमंत्री उम्मीदवार के खिलाफ जहर उगल रहा था, उसे कैसे गले लगा लें।' साबिर पर बढ़ते बवाल के बीच कोई भी इस पर मुंह खोलने को तैयार नहीं है कि किसके कहने पर उन्हें शामिल कराया गया है। सुधांशु त्रिवेदी ने सिर्फ इतना कहा कि यह फैसला बिहार बीजेपी के आग्रह पर किया गया था। मामले के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है और इसके बाद पार्टी उचित फैसला लेगी।
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