नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में दोषी करार दिए गए लोगों को छोड़ने के तमिलनाडु सरकार के फ़ैसले पर राहुल गांधी ने कहा है कि 'जब प्रधानमंत्री को न्याय नहीं मिला तो ग़रीब व्यक्ति को न्याय कभी नहीं मिल सकता'। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि वह फांसी की सज़ा के ख़िलाफ़ हैं। तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की रिहाई की सिफ़ारिश की है। राजीव गांधी की हत्या के मामले में जेलों में बंद कुल सात लोगों की रिहाई की सिफ़ारिश की गई है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी मई 1991 में तमिलनाडु में चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान एक आत्मघाती हमले में मारे गए थे. उस समय राहुल गांधी 21 साल के थे। राहुल गांधी ने कहा कि राजीव गांधी ने देश के लिए काम किया था। आज उनके हत्यारों को जेल से छोड़ा जा रहा है। हिंदुस्तान में उस प्रधानमंत्री को न्याय नहीं मिलता जिसने देश के लिए अपनी जान दी और फिर हम न्याय की बात करते हैं। राहुल गांधी का कहना था कि मैं खुद फांसी के खिलाफ हूं। मेरे पिता अब वापस नहीं आएंगे। मगर ये देश की बात है। ये केवल मेरे परिवार और मेरे पिता की बात नहीं है। अगर कोई देश के प्रधानमंत्री को मार सकता है और फिर उसको छोड़ दिया जाए तो फिर आम आदमी को न्याय कहां से मिलेगा। हिंदुस्तान को बदलना होगा। (साभार बीबीसी)
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