विदिशा। जिला रजिस्ट्रार कार्यालय में डिप्टी रजिस्ट्रार का पद छोड़कर निधि जैन ने अब वैराग्य अपनाने का संकल्प लिया है। वे एक फरवरी को जैन आर्यिका के वेश में दफ्तर पहुंचीं और कलेक्टर एमबी ओझा को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसमें उन्होंने अपने मन में वैराग्य का भाव होने की स्थिति में यह फैसला लेने की बात लिखी है। पुष्करवाणी गु्रप ने जानकारी लेते हुए बताया कि विदिशा में दो साल से डिप्टी कलेक्टर स्तर की नौकरी कर रहीं ३० वर्षीय उपपंजीयक निधि सिवनी जिले के छपारा ब्लॉक की रहने वाली हैं। उनका चयन इस पद पर मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) की परीक्षा के जरिए हुआ था। निधि अविवाहित हैं। सिवनी जैन समाज के दिनेश जैन अलमस्त के मुताबिक, निधि के पिता का पहले निधन हो चुका है। निधि आचार्य विद्यासागर महाराज से प्रभावित हैं। उन्होंने प्रतिभा स्थली जबलपुर में ब्रह्मचर्य का व्रत लिया है। आगे चलकर उनकी साधना देखने के बाद आचार्यश्री से उन्हें आर्यिका दीक्षा प्राप्त होने की संभावना है।
विदिसा के कलेक्टर एमबी ओझा ने इस बारे में बताया कि निधि का यह फैसला सुनकर थोड़ी हैरत हुई। डिप्टी कलेक्टर रैंक की ऐसी नौकरी कड़ी मेहनत के बाद मिलती है। उन्हें इस संबंध में सोच-समझकर फैसला लेने की समझाइश भी दी गई, लेकिन वे फैसले पर अडिग हैं। निधि का इस्तीफा स्वीकृति के लिए राज्य शासन को भेजा जाएगा। जैन समाज विदिशा के अध्यक्ष प्रकाश चौधरी ने कहा कि सांसारिक मोह माया से विरक्त होकर तपस्या जैन धर्म में उत्तम मार्ग माना गया है। जब निधि आर्यिका दीक्षा ले लेंगी तो वे गृहस्थ जीवन में नहीं रहेंगी। वे मंदिर में निवास कर कड़े नियमों का पालन करेंगी। इनमें कुएं का पानी और एक समय भोजन ग्रहण करना शामिल है। यह अध्यात्म के रास्ते की शुरुआत है। जैन समाज इसका स्वागत करता है। जैन समाज छपारा के मंत्री नरेन्द्र जैन ने कहा कि निधि जैन और उनकी बड़ी बहन नीलू वर्ष 2002 से पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन कर रही हैं। निधि अब रामटेक ((नागपुर)) में प्रतिभास्थली में रहेंगी। निधि बेहद शांत स्वभाव की हैं और उन्होंने पहले से ही आर्यिका दीक्षा ग्रहण करने का मन बना लिया था।
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