रांची। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा कि कांग्रेस-2014 के लोकसभा चुनावों के लिए जिस को भी प्रधानमंत्री पद के लिए नामित करेगी उनकी पार्टी उसका समर्थन करेगी लेकिन कहा कि इसका फैसला चुनाव के बाद हो तो अच्छा है। यादव ने यहां राजकीय अतिथिशाला में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए जिस किसी को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित करेगी हम उसके साथ हैं। बहरहाल, राजद प्रमुख ने स्पष्ट किया कि वह आम चुनावों से पहले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा के पक्ष में नहीं हैं। चुनावों के बाद विधायकों और सांसदों को ही प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के चयन का अधिकार दिया जाना चाहिए। यादव से जब पूछा गया कि अगर कांग्रेस अपने उपाध्यक्ष को शीर्ष पद के लिए चुनने का फैसला करती है तो क्या वह उसकी हिमायत करेंगे तो उन्होंने पलट कर सवाल किया, राहुल गांधी में क्या खामी है? वह एक युवा नेता हैं। पहले उन्हें (प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार) पर बात करने दें और फैसला करने दें।
जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद आज सुबह राजद सुप्रीमो लालू यादव सडक मार्ग से पटना के लिए रवाना हो गये। कल जेल से निकलने के बाद वे दिउडी मंदिर पूजा करने गये। आज पटना जाने के क्रम में वे रजरप्पा मंदिर में पूजा करने पहुंचे। उन्होंने अपने विरोधियों को चेतावनी दी कि वे यह सोचने की गलती ना करें कि उनका राजनीति से सफाया हो जाएगा। लालू ने रांची से करीब 40 किलोमीटर दूर दिउड़ी मंदिर के पास लोगों को संक्षिप्त संबोधन में कहा कि जब मैं जेल गया तो कुछ लोगों ने सोचा कि मैं खत्म हो गया। उन्हें याद रखना चाहिए कि जब तक रहेगा आलू, तब तक रहेगा लालू। उन्होंने लोगों से ‘साम्प्रदायिक राजनीति’ से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पूंजीपतियों के हैं। उनकी पार्टी एक विभाजनकारी पार्टी है जो सामाजिक तानेबाने को नष्ट करने पर तुली हुई है। राजद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में कहा कि जदयू और भाजपा के बीच एक ‘अपवित्र विवाह’ था जिसका परिणाम ‘तलाक’ के रुप में सामने आया। (साभार)
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