नई दिल्ली। जनलोकपाल बिल के लिए सालों से लड़ाई लड़ने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर से अनशन पर बैठ रहे हैं। अन्ना आज से रालेगण सिद्दी में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ रहे हैं। जनलोकपाल पर अपने अनिश्चितकालीन अनशन शुरु करने से पहले अन्ना ने कांग्रेस सरकार पर विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि संप्रग सरकार के अपने वादे को पूरा करने या सत्ता से जाने का वक्त आ गया है। अन्ना ने राज्यसभा में लंबित जनलोकपाल विधेयक को पारित करने में देर करते रहने को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया।
उन्होंने कहा कि अब उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है। सरकार के झूठे वादों से मैं थक गया हूं। इसलिए अब वो दोबारा से अनशन का रास्ता अपना रहे है। उन्होंने कहा कि जब तक जनलोकपाल बिल पास नहीं होता उनका अनशन जारी रहेगा। हजारे ने कहा कि जनलोकपाल विधेयक पारित करने में विफलता चार राज्यों में हाल में हुए चुनावों में कांग्रेस की हार का एक बड़ा कारण है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, कांग्रेस ने लोगों को धोखा दिया जिन्होंने उचित जवाब दिया है।
हजारे ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह संसद में सांप्रदायिक हिंसा विधेयक को पारित कराने का संकल्प ले सकते हैं, तो वह ऐसा भ्रष्टाचार विरोधी कानून के मामले में क्यों नहीं कर सकते। हजारे ने कहा कि जब लोग सड़कों पर थे और अनशन जारी था, तब जनलोकपाल विधेयक लोकसभा में एक दिन में पारित हो गया। उसके बाद, विधेयक स्थाई समिति के पास गया और फिर राज्यसभा में तथा उसके बाद प्रवर समिति के पास। उन्होंने कहा कि यह विधेयक हर जगह से पारित होने के बाद राज्यसभा में गया। एक साल से अधिक समय हो गया है और विधेयक राज्यसभा में लंबित है तथा वहां कांग्रेस के 71 सांसद हैं। विधेयक वहां अटका हुआ है।
गांधीवादी कार्यकर्ता ने कहा कि उन्हें सरकार से कई पत्र मिले कि विधेयक 2012 में संसद के शीतकालीन सत्र में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उसके बाद उन्हें एक और पत्र मिला जिसमें कहा गया कि विधेयक बजट सत्र में लाया जाएगा तथा फिर वायदा किया गया कि इसे मानसून सत्र में लाया जाएगा। हजारे ने कहा, मानसून सत्र भी गुजर चुका है और इसीलिए हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं है। इसीलिए मैं रालेगण सिद्धि में अनशन करूंगा। उन्होंने कहा कि उनका अनशन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि संसद द्वारा जनलोकपाल विधेयक पारित नहीं कर दिया जाता। हजारे ने कहा, खारिज करने, वापस बुलाने और भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि लोगों ने चार राज्यों में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है। हजारे ने कहा कि सरकार को याद रखना चाहिए कि कानून पारित करना उसकी जिम्मेदारी है जिसके लिए लोगों ने संसद में उसे भेजा है। (साभार)
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