मुजफ्फरनगर (मनोज भाटिया)। राजेश वर्मा। पत्रकार राजेश वर्मा। नहीं, बिल्कुल नहीं। राजेश वर्मा सिर्फ पत्रकार नहीं थे। वे एक मानवीय दृष्टिकोण से समाज को समझने वाले असाधारण व्यक्ति थे। उनकी जितनी भी तारीफ की जाए, कम होगी। दुनिया चाहे कुछ भी कहे, लेकिन राजेश वर्मा जैसा पत्रकार मिलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। मुजफ्फरनगर जिले में लंबे समय तक दैनिक जागरण और जनवाणी में अपराध संवाददाता के रूप में काम करने वाले प्रतिभाशाली पत्रकार संजय झा (फिलहाल उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के स्टेट ब्यूरो में वरिष्ठ पद पर कार्यरत) बताते हैं-‘राजेश वर्मा बहुमुखी प्रतिभा के धनी पत्रकार थे। राजेश की जितनी भी तारीफ की जाए कम होगी।’ उन्होंने राजेश को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कहा-‘राजेश तुम सदा याद रहोगे।’
दैनिक जागरण, मुजफ्फरनगर, खतौली, हरिद्वार, शामली में लंबे समय तक काम करने वाले पत्रकार राजीव रंजन तिवारी (वर्तमान में उप समाचार संपादक, राजस्थान पत्रिका, अजमेर) का कहना है कि राजेश वर्मा के मानवीय दृष्टिकोण को कभी भुलाया नहीं जा सकता। बकौल राजीव रंजन तिवारी-‘एकबार मैं जब दुर्घटनाग्रस्त हुआ था और मेरे पैर की हड्डी टूट गयी थी। उस वक्त संजय झा के प्रयास से राजेश वर्मा और प्रदीप शर्मा ने जो मेरी मदद की थी, उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। राजेश वर्मा की जिसने भी हत्या की है, उसे ईश्वर माफ नहीं करेगा। राजेश वर्मा बेहद मिलनशील और संवेदनशील पत्रकार थे।’ राजीव रंजन तिवारी (अंतरराष्ट्रीय विषयों के जानकार और लब्धप्रतिष्ठित कलमकार) का कहना है कि राजेश वर्मा के साथ जो कुछ भी हुआ है वह ठीक नहीं हुआ है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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