नई दिल्ली।अमेरिका ने काफी जद्दोजहद के बाद सीरिया पर हमला करने का फैसला कर ही लिया। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शनिवार को कहा कि उनके देश ने सीरिया पर हमले का फैसला कर लिया है और इस हमले के लिए वह अमेरिकी संसद की मंजूरी लेंगे। ओबामा ने कहा कि सीरिया में जो कुछ हुआ उस पर अमेरिका आंख नहीं मूंद सकता। उन्होंने कहा कि सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई जरूरी है। ओबामा के इस बयान के बाद यह तय माना जा रहा है कि अमेरिका सीरिया पर हमला करेगा।
इसके पहले सैन्य हस्तक्षेप की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि ‘कम अवधि, सीमित हमले’ की योजना बन रही है जिसमें ‘सेना जमीन पर नहीं उतारी जाएगी’। दूसरी ओर युद्ध से जूझ रहे देश में रासायनिक हथियारों के कथित प्रयोग की जांच कर रहे संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ वहां से निकल आए हैं। ओबामा ने कहा कि वाशिंगटन ‘कम अवधि और सीमित कार्रवाई की संभावनाओं पर विचार कर रहा है’ और यहां ‘दीर्घावधिक अभियान’ नहीं चलेगा।
राष्ट्रपति ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, हम किसी विस्तृत प्रतिबद्धता पर विचार नहीं कर रहे। हम जमीन पर सेना उतारने की संभावनाओं पर भी विचार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अमेरिका क्या कार्रवाई करेगा इस संबंध में उन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका जो भी करे यह बड़ा अभियान नहीं होगा। सीरिया में हमले को आसन्न बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा, हमने सहयोगियों ने सलाह-मशविरा की है। हमने कांग्रेस से भी सलाह ली है। ओबामा की अध्यक्षता में हुई सिचुएशन रूम बैठक से निकलने के बाद विदेश मंत्री जॉन केरी ने इस बात की पुष्टि की कि सैन्य हस्तक्षेप के मामले में रूस के विरोध के कारण अमेरिका सीरिया पर हमले के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् से मंजूरी नहीं लेगा।
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