लखनऊ (मनोज भाटिया)। आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन मामले में एक और सरकारी रिपोर्ट ने अखिलेश सरकार की पोल खोल दी है। ग्रेटर नोएडा के कादलपुर गांव में मस्जिद की दीवार गिराए जाने के मामले में लेखपाल ने जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें साफ लिखा है कि मौके पर पहुंचे अधिकारियों और पुलिसवालों से बातचीत के बाद खुद गांववालों ने ही मस्जिद की दीवार गिराई थी।
ग्रेटर नोएडा के कादलपुर गांव के लेखपाल धीरेंद्र कुमार की अहम रिपोर्ट मिली है। रिपोर्ट में लेखपाल ने कहा है कि कादलपुर गांव में ग्रामसभा की जमीन पर सभी धर्म के लोगों से चंदा इकट्ठा करके एक धार्मिक स्थल का निर्माण किया जा रहा था। लेखपाल के मुताबिक गांव के लोगों ने इमारत पर माइक लगा दिया था. लेखपाल ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि प्रशासन को इस बात की शिकायत मिलने के बाद एसडीएम, जेवर के सीओ, तहसीलदार सदर और रबुपुरा के एसएचओ मौके पर पहुंचे। इन सभी ने गांववालों को समझाया कि प्रशासन की इजाजत के बगैर निर्माण गलत है। इस बातचीत के बाद गांव के लोगों ने खुद ही माइक उतार दिया और खुद ही दीवार भी हटा दी।
गौरतलब है कि यूपी सरकार के राजस्व विभाग में लेखपाल ऐसे मामलों का जांच अधिकारी होता है। लेखपाल धीरेंद्र कुमार ने रिपोर्ट बनाने के बाद उसे अपने उच्च अधिकारी नायब तहसीलदार अमरीश को सौंप दी थी, नायब तहसीलदार ने लेखपाल की रिपोर्ट को सही मानते हुए तत्कालीन एसडीएम दुर्गा नागपाल को सौंप दी थी। इसके बाद इस रिपोर्ट को जिलाधिकारी को भेज दिया गया लेकिन ठीक इसी दिन सरकार ने दुर्गा पर ये आरोप लगाते हुए कि उन्होंने धार्मिक स्थल की दीवार गिरवाई है। उन्हें सस्पेंड कर दिया।
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