ऋषिकेश (राम महेश मिश्र)। परमार्थ निकेतन स्थित समाधि मन्दिर में संस्था के संस्थापक परम पूज्य महामण्डलेश्वर ब्रह्मलीन श्री स्वामी शुकदेवानन्द सरस्वती जी महाराज के 48वें निर्वाण महोत्सव का शुभारम्भ आश्रम के प्रबन्ध न्यासी एवं महामण्डलेश्वर परम पूज्य स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी एवं पूर्व गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती जी द्वारा ब्रह्मलीन आत्मा को भक्ति भाव से श्रद्धासुमन अर्पित कर किया गया। इस अवसर पर श्रीराम चरित मानस का अखण्ड पाठ पूज्य महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी ने विधिवत् पूजन के पश्चात प्रारम्भ किया। अखण्ड पाठ की संगीतमय स्वर लहरी से आश्रम गुंजायमान है।
दिवंगत आत्मा को श्रद्धासुमन अर्पित करने आये भक्तों एवं शिष्यों को परम पूज्य महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी ने गुरुपूर्णिमा पर्व का संदेश देते हुए वर्तमान परिस्थितियों में राष्ट्र को सही दिशा देने के उद्देश्य से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेकर महापुरुषों के आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि आज सभी मर्यादानुसार आचरण करें तथा स्वयं में नैतिक बल जगाकर राष्ट्र के विकास में अग्रदूत की भूमिका का निर्वहन भी करें।
इस अवसर पर स्वामी ज्योतिर्मयानन्द जी, श्री स्वामी केशवानन्द जी, स्वामी सहजानन्द सरस्वती, स्वामी ओमकारानन्द जी, स्वामी भागीरथ दास जी, प्रबन्धक राम अनन्त तिवारी, संन्तोष कुमार सक्सेना, दिलीप क्षेत्री, सुभाष शर्मा, संदीप, नरेन्द्र, श्री दैवीय सम्पद् अध्यात्म संस्कृत महाविद्यालय के ऋषिकुमार आदि उपस्थित थे।
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