बागपत (महबूब अली)। बागपत सीएचसी के नेत्र आपरेशन घोटाले प्रकरण में वार्ड ब्वाय व आपट्रोमेट्रिप्स की गर्दन फंसनी तय है। बागपत सीएचसी अधीक्षक ने मामले की जांच शुरु कर दी है। अब देखना यह है कि जांच में क्या आता है? किस-किस पर गाज गिरती है और कौन बचता है।
बागपत सीएचसी पर नेत्रों के आपरेशन के बदले एक मरीज से पांच सौ से पंद्रह सौ तक वसूले जा रहे थे। जिसका खुलासा तब हुआ था जब एक कर्मचारी ने मरीज से पांच सौ रुपये की डिमांड कर डाली थी। आरोप था कि उसने कहा कि उक्त रुपये डाक्टर को देने होते है। मगर मरीज ने पहले तो रुपये देने से मना कर दिया था और बाद में मौखिक रुप से मामले की शिकायत सीएमओ डा.जेपी शर्मा से भी की थी। सीएमओ ने मामले की जांच बागपत के पीएचसी प्रभारी डा.नीरज त्यागी को सौंप दी थी। पांच दिन बीतने के बाद भी तक भी जांच पूरी नहीं हो सकी है। वैसे जांच अधिकारी ने जांच शुरु कर दी है। माना जा रहा है कि उक्त प्रकरण में कई की गर्दन फंसना तय है। जिसको लेकर रुपये मांगने वालों ने विभागीय अधिकारियों के पास नेताओं की भी सिफारिश लगवानी शुरु कर दी है। अब देखना यह है कि कौन-कौन फंसता है तथा कौन बचता है? सीएमओ डा.जेपी शर्मा का कहना है कि जल्द ही जांच पूरी हो जायेंगी। मरीजों से रुपये वसूलने वालों को किसी को भी कीमत पर नहीं बख्शा जायेगा। वे खुद भी पीडि़त मरीज से बात करेंगे।
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