पटना। बिहार के छपरा में जहरीले मिड-डे मील खाने से अब तक 20 बच्चों की मौत हो चुकी, जबकि करीब 40 बच्चे बीमार हैं। इस दुखद घटना के बाद छपरा में बवाल मचा हुआ है. लोग प्रशासन के खिलाफ गुस्से् का इजहार कर रहे हैं। पूर्व सीएम लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी ने सारण बंद का आह्वान किया है। बीमार बच्चों में से 34 का इलाज पटना के पीएमसीएच में चल रहा है। इनमें से 5 बच्चोंं की हालत नाजुक बताई जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना पर अफ़सोस जताते हुए हुए कमिश्नर और पुलिस के आईजी से जांच के आदेश दिए हैं। मृतक बच्चोंच के परिवार के लिए 2-2 लाख रुपये मुआवजे का एलान किया गया है। जहरीले भोजन का शिकार हुए बच्चेर पहली से लेकर पांचवी क्लास के हैं। इनमें से सभी बच्चेज 10 साल से कम उम्र के हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि भोजन जहरीला था। भोजन में पेस्टिसाइड मिले होने का शक जताया गया है।
छपरा की घटना पर विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। दर्दनाक घटना के खिलाफ आरजेडी ने सारण बंद बुलाया है। छपरा से लोकसभा सांसद लालू प्रसाद ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लालू ने कहा कि बिहार में सरकार नाम की चीज़ नहीं है। लालू ने इस मामले में नीतीश सरकार के एक मंत्री के खिलाफ जांच की भी मांग की है। राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह बच्चों की मौत नहीं, बल्कि हत्या है। एलजेपी मुखिया ने घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग की है।
गौरतलब है कि छपरा में गंदामान गांव के प्राइमरी स्कूल के बच्चों को मिड-डे मील के तहत दाल, चावल और सब्ज़ी खाने को मिली थी. भोजन करते ही बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। जहरीले भोजन ने कई बच्चों ने दम तोड़ दिया. कुछ परिजनों के मुताबिक, जिन बच्चों ने सब्जी नहीं खाई, वे ठीक हैं। इस दर्दनाक घटना के बाद बच्चों के घरों में मातम छाया है।
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