बागपत (महबूब अली)। इसे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी ही कही जाएगी कि बागपत में 1500 से दो हजार रुपये में आसानी से तमंचे व अन्य हथियार उपलब्ध हो जाते हैं। हथियार उपलब्ध कराने वाले लोग बीच में कमिशन भी भी खाते है। दिल्ली व अन्य स्थानों से यह तमंचे लाए जाते हैं। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी अवैध रुप से हथियारों की बिक्री करने वालों पर अंकुश लगाने मे पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहे हैं।
बड़ौत में गोली मारकर अध्यापक मनोज कुमार के पुत्र दिव्यांश को मौत के घाट उतारने वाले इंटरमीडिएट के छात्रों ने पूछताछ में खुलासा किया कि एक साल पूर्व तमंचा उन्होने चांदनहेडी गांव से पंद्रह सौ में पांच कारतूसों के साथ खरीदा था। इसके बाद से तमंचे को रखा हुआ था। सूत्रों के अनुसार चांदनहेउी ही नही बागपत, अग्रवाल मंडी टटीरी, बड़ौत, छपरौली, खेकड़ा, पिलाना, सिंघावली अहीर, रमाला आदि में आसानी से अवैध रुप से तमंचे 1500 से 2000 रुपये तक में मिल जाते है। दिल्ली व अन्य स्थानों से कुछ लोग हथियारों को कम दामो में लाते है। यहां पर लाकर तमंचे को ऊंचों दामों मे बेचा जाता है। एक साल पूर्व बड़ौत के एक अन्य छात्र को लूटपाट करते भी पुलिस ने पकड़ा था। जिसने बताया था कि वह दिल्ली से तमंचे खरीदकर लाता है तथा यहां पर ऊंचे दामों में बेचता है। पुलिस ने आरोपी छात्र के खिलाफ तो कार्रवाई कर दी। मगर तमंचों की बिक्री करने वालों के खिलाफ आज तक कुछ नहीं हुआ। इससे बिक्री करने वालों के हौसले बुलंद है। अवैध हथियार मिलने के कारण युवा वर्ग अपराध के दलदल मे को विवश हैं। उधर, एसपी राजू बाबू सिंह का कहना है कि जहां पर भी उन्हें अवैध रुप से हथियारों के मिलने की सूचना मिलती है छापेमारी कर कार्रवाई की जाती है। यदि जिले में किसी भी स्थान पर एसा हो रहा है तो लोग उनसे शिकायत करें, तुरंत कार्रवाई कर आरेापियों को गिरफ्तार किया जायेगा।
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