देहरादून। उत्तराखंड में आई आपदा के आठवें दिन 23 जून को एकबार फिर मौसम बिगड़ने लगा। इसका सीधा असर राहत और बचाव अभियान पर पड़ रहा है। हालांकि जोशीमठ से आर्मी के दो चीता हेलीकॉप्टरों ने राहत और बचाव अभियान के लिए उड़ान भरी है। ये हेलीकॉप्टर गोविंदघाट के लिए उड़े हैं। खराब मौसम की वजह से औली एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी 50 से 500 मीटर ही है जबकि उड़ान के लिए 1500 मीटर विजिबिलिटी की जरूरत होती है। यही वजह है कि अभी दूसरे हेलीकॉप्टर और एमआई 17 हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। सुबह से ही रुद्रप्रयाग, गुप्तकाशी, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री में बारिश हो रही है। केदारनाथ में भी भारी बारिश हुई है, गंगोत्री में हर्षिल पर राहत कार्य शुरू हो गया है। बद्रीनाथ में 40 किलोमीटर के दायरे में सेना ने पैदल ही अभियान शुरू कर दिया है। राज्य में फिलहाल 800 से ज्यादा सड़कें और पगडंडियां अभी भी बंद हैं। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली में अभी भी संचार और विद्युत व्यवस्था ठप्प है। 61 हेलीकॉप्टर राहत कार्यों में जुटे हैं। उत्तराखंड त्रासदी में मरने वाली की संख्या एक हजार तक पहुंच चुकी है। जबकि अब तक 73 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
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