नई दिल्ली। कांग्रेस हाई कमान ने दिल्ली कांग्रेस के दोनों गुटों को एककर नई प्रदेश कमेटी की घोषणा कर दी है। कमेटी में पुराने चेहरों के साथ नए चेहरों को प्राथमिकता दी गई है। नई कमेटी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का प्रभाव देखा जा सकता है। कमेटी में सभी जाति और वर्ग को स्थान दिया गया है। राहुल गांधी ने मुस्लिम नेता डॉ.शकील अहमद को प्रदेश प्रभारी बनाकर दिल्ली के मुस्लिमों और पूर्वाचलवासियों को कांग्रेस के साथ जोड़ने का प्रयास किया है साथ ही प्रदेश कमेटी में जैन, जाट, यादव, पंजाबी ब्राह्मणों के अलावा अनुसूचित जाति जनजाति और उत्तराखंडी व अच्छी साख वाले मुस्लिम चेहरों को स्थान दिया गया है।
पूर्व कांग्रेस उपाध्यक्ष राम बाबू शर्मा की मृत्य के बाद 7 सितम्बर,2007 को हाईकमान ने जय प्रकाश अग्रवाल को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की बागडोर सौंपी थी। जय प्रकाश अग्रवाल ने प्रदेश अध्यक्ष का पद भार ग्रहण करने के बाद पुरानी कमेटी के साथ काम करना शुरू कर दिया। हालांकि इस दौरान अग्रवाल ने अपने चहेतों को प्रदेश सचिव बनाकर और उन्हें तवज्जो देकर पुराने पदाधिकारियों को महत्वहीन कर दिया था। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल ने 7 माह पहले प्रदेश कार्यकारिणी का गठन कर उसकी सूची कांग्रेस हाई कमान को सौंपी थी, लेकिन हाई कमान ने उस सूची को मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के विरोध के चलते दरकिनार कर दिया। इसके बाद 19 अप्रैल को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नई प्रदेश कमेटी के गठन का निर्देश दिया था। उनके निर्देश के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल ने उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष के अलावा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्यों के नाम दिए थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बाद मुख्यमंत्री से भी प्रदेश कार्यकारिणी के लिए नाम मांगे गए थे।
मुख्य मंत्री ने भी अपनों को संगठन में स्थान दिलाने के लिए कुछ नाम दिए थे। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए कुछ नामों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल को एतराज था तो अग्रवाल के प्रस्तावित कुछ नामों पर मुख्यमंत्री को एतराज था। पूर्व प्रदेश प्रभारी चौ.वीरेंद्र सिंह को भी जय प्रकाश अग्रवाल द्वारा दिए गए महासचिव पद के नामों पर एतराज था। इसी विरोध के चलते मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रभारी चौधरी वीरेंद्र सिंह की बैठक कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी के नेतृत्व में हुई। पहली बैठक में नतीजा न निकलने पर पिछले दो दिनों तक लगातार बैठक हुई। बैठक में नव नियुक्त प्रदेश प्रभारी शकील अहमद ने दोनों नेताओं को समझाने का प्रयास किया और सफल रहे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल और मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के एकमत होने के बाद सूची को अंतिम रूप दिया गया, लेकिन इसी दौरान कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी के विदेश चले जाने के कारण सूची पर उनकी मोहर नहीं लग सकी। मोहर न लगने के कारण प्रदेश कांग्रेस कमेटी की घोषणा नहीं हो सकी। कांग्रेस महासचिव ने दिल्ली पहुंचने के बाद शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की घोषणा कर दी। (साभार)
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