चंडीगढ़ (पंकज खन्ना)। आकाली-भाजपा सरकार के पंजाब में कानून एवं व्यवस्था संबंधी दावे झूठे साबित हुए हैं। यह आरोप पंजाब कांग्रेस का है। पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि राज्य में औरतों व बच्चों के खिलाफ अपराध के बढ़ रहे ग्राफ चिंता का विषय है।
पंजाब कांग्रेस के उपाध्यक्ष तरलोचन सिंह सूंड विधायक, ओपी सोनी विधायक, चरणजीत सिंह चन्नी विधायक, गुरप्रीत सिंह कांगड पूर्व विधायक ने कहा है कि आकाली-भाजपा शासनकाल में पंजाब में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। खासकर बच्चों के विरूद्ध बढ़ रहा अपराध का ग्राफ चिंता का विषय बन चुका है। अमृतसर व लुधियाना जैसे मैट्रो शहरों में तो हालत और भी खराब है। उन्होंने कानून एवं व्यवस्था की बुरी स्थिति के लिए गृह विभाग का चार्ज संभालने वाले उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को जिम्मेदार ठहराया है।
कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि साल 2012 में बच्चों के खिलाफ अपराध के 877 मामले दर्ज हुए। देश के 28 राज्यों की स्थिति पंजाब से बेहतर है। उन्होंने कहा कि पंजाब में दर्ज हुए बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों के कुल केसों में से 24 प्रतिशत लुधियाना व अमृतसर जैसे शहरों में ही दर्ज हैं। अपराध के मामले में पंजाब का रिकार्ड बहुत हैरान करने वाला है। राज्य में महिलाएं भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी तरनतारन में एक दलित महिला की मारपीट की घटना पर आकाली-भाजपा सरकार पर सख्त टिप्पणी की है। ऐसी कई घटनाएं राज्य के अन्य हिस्सों से सामने आ रही हैं। कुछ माह पहले पटियाला में भी एक पुलिस अफसर द्वारा लोगों के सामने औरत से मारपीट की गई थी। ज्यादातर मामलों को मीडिया द्वारा उठाए जाने के बाद ही आरोपी पुलिस अफसरों पर कार्रवाई की गई है।
कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की बुरी हालत निवेशको को पंजाब से दूर कर रही है। आकाली-भाजपा सरकार लोगों का पुलिस पर विश्वास बहाल रखने में नाकामयाब रही है। सियासी कारणों से पुलिस के दुरुपयोग ने विभाग की स्थिति खराब की है। उन्होंने कहा कि बार्डर राज्य होने के चलते कानून व व्यवस्था की स्थिति राज्य सरकार की प्रमुखता होनी चाहिए।
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