चंडीगढ़। किताब घोटाले में कथित रूप से शामिल पंजाब के शिक्षा मंत्री सिकंदर सिंह मलूका के खिलाफ कांग्रेसियों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इस क्रम में पूर्व विधायक व पंजाब कांग्रेस के उपाध्यक्ष राणा केपी सिंह के नेतृत्व में कांग्रेसी वर्करों द्वारा निकटवर्ती कांसल गांव में मलूका के घर का घेराव कर नारेबाजी की गई। साथ ही आकाली-भाजपा सरकार से मलूका को बर्खास्त करने की मांग की गई।
राणा केपी सिंह ने इस घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग की। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर बरसते हुए उन्होंने आरोपी मंत्री को बचाने का आरोप लगाया। कहा कि मलूका ने न सिर्फ वित्तीय घोटाला किया है बल्कि प्राइमरी स्कूल के विद्यार्थियों की किताबों में गलत सामग्री सप्लाई कर अनैतिक कार्रवाई की है। मलूका ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत केन्द्र सरकार द्वारा भेजे फंडों में 46 करोड़ का घोटाला किया है। प्रदेश कांग्रेस के प्रधान प्रताप सिंह बाजवा पहले ही इस मुद्दे को केन्द्र सरकार के समक्ष रख चुके हैं। सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा रिटायर्ड जज से जांच का ऐलान शर्मनाक है। उक्त जज के मलूका से पारिवारिक संबंध हैं और वह रामपुरा फूल में विवाहित हैं। जो मलूका का घरेलू हलका है। अच्छा होगा कि मलूका खुद ही नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दें। उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी किताबों, प्रेक्टिकल किताबों, साइंस किटों व मैप मास्टरों में वित्तीय अनियमितताएं की गई है। पार्टी के प्रवक्ता के मुताबिक इससे पहले कांग्रेसी वर्करों ने जगमोहन के नेतृत्व में मलूका के घर के बाहर धरना दिया था। 2 जून को नेशनल स्टूडेंटस यूनियन के नेता धरना देंगे और कांग्रेस के सभी सहायक जत्थेबंदियों का प्रदर्शन प्रदर्शन जारी रहेगा।
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