बागपत (महबूब अली)। अब बागपत में अविवाहित रह गए पुरुषो की संपत्ति के लिए बने दुश्मनों की खैर नहीं है। पुलिस अधेड कुंवारों की सुरक्षा को हर माह थानों के साथ-साथ गांवों में जाकर पंचायत करेगी। इसमें कुंवारों से उनकी समस्या सुनने के साथ-साथ साथ-साथ उन्हें आत्मरक्षा के भी टिप्स दिए जायेंगे।
अधेड़ कुंवारों की हत्या की समस्या सिर्फ बागपत में ही नहीं समूचे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है। बागपत के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, बुलंदशहर, बिजनौर, हापुड, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद समेत कई जिलों में अधिकांश कुंवारों की जान उनके अपने ही लेते हैं। हत्या की वजह जर, जोरु व जमीन होती है। अकेले बागपत जनपद में 4 हजार से अधिक अधेड़ अविवाहित हैं। अब बागपत के एसपी राजू बाबू सिंह ने कुंवारों की होने वाली हत्या की घटनाओं पर अंकुश लगाने की अनोखी मुहिम शुरु की है। एसपी के अनुसार अनुसार अधेड कुंवारों की सुरक्षा को पुलिस थानों व कोतवाली के साथ गांव-गांव जाकर हर माह पंचायत आयोजित करेंगी, जिसमें कुंवारे की समस्या सुनी जायेगी। इसके अलावा जिन लोगों से खतरा है। लोगों पर मुचलका पाबंद की कार्रवाई की जायेगी। यहीं नहीं गांव में जाकर कुंवारों को आत्मरक्षा के गुर भी सिखाए जायेंगे। जल्द ही सभी थानाध्यक्षो व कोतवाली प्रभारियों को इस संबंध में निर्देशित कर दिया जायेगा।
हर पल मौत के साए में जीते हैं कुंवारे
बागपत में कुंवारों की संपत्ति हड़पने के लिए करीबी ही उनका खून बहा देते हैं। जनपद में हत्या का ग्राफ ऊंचा होने में कुंवारों का कत्ल होना मुख्य कारण है। दो साल पूर्व बागपत में संपत्ति हड़पने के उद्देश्य से माता कालोनी में अधेड को मौत के घाट उतार दिया गया था। इसके अलावा बड़ौत में सुनील नाम के कुंवारे को मार दिया गया। अग्रवाल मंडी टटीरी में तो भाई ने ही कुवारे भाई को मौत की नींद सुला दी थी। उक्त उदाहरण तो केवल बानगी हैं। इस तरह की अनेक घटनाएं जिले में हुई हैं, जो पुलिस के रिकार्ड में दर्ज है।
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