गोरखपुर। भारत-नेपाल सीमा की संवेदनशीलता को देखते हुए हिन्दु युवा वाहिनी एवं विश्व हिन्दु महासंघ सीमा जागरण यात्रा निकालेगी। मुख्य-मुख्य स्थानों पर राष्ट्र रक्षा रैली का आयोजन किया जायेगा। उक्त बातें हिन्दु युवा वाहिनी के मुख्य संरक्षक योगी आदित्यनाथ ने हिन्दु युवा वाहिनी ‘प्रदेश प्रतिनिधि सभा’ सम्मेलन के दूसरे दिन उपस्थित प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में संकल्प के साथ राष्ट्रहित एवं लोकहित में कार्य करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है जिसका निर्वहन हिन्दु युवा वाहिनी कर रही है। उन्होंने धर्मनीति, बुद्धिनीति और संगठन नीति के परस्पर सामंजस्य पर बल दिया जो आज भी उतनी ही स्वीकार्य है। किसी भी संगठन को शक्तिशाली बनने के लिए इस नीति का पालन करना ही होगा। योगी ने हिन्दु युवा वाहिनी के प्रभाव क्षेत्र को व्यापक और शक्तिशाली बनाने के लिए कहा कि कार्यकर्ताओं का उचित चयन, प्रशिक्षण, उसके बाद योग्यतानुसार उचित नियोजन करने से संगठन को बल मिलेगा।
उन्होंने चेताया कि भारतवर्ष में बल, बुद्धि, विद्या और वैभव की कमी नहीं है परन्तु एक शक्तिशाली नेतृत्व के अभाव में समूची संस्कृति का पराभव हो रहा है। हिन्दु युवा वाहिनी को शक्तिशाली नेतृत्व प्रदान कर हिन्दू समाज का पुनरुत्थान करना होगा। तभी वह जन विश्वास का प्रतीक बनेगी। कार्यक्रमों को संगठन का प्राण बताते हुए उन्होंने कहा कि संगठन द्वारा निर्धारित कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ताओं को ‘प्राण जाय पर वचन न जाय’ के सूत्र का पालन करना चाहिए और प्राणप्रण से जुटकर कार्यक्रमों को सफल बनाना चाहिए। उन्होंने इस दिशा में संगठनात्मक और आन्दोलनात्मक कार्यक्रमों में बेहतर सामंजस्य पर बल दिया और कहा कि सम्भाग, विभाग और जनपद इकाइयों को तालमेल बिठाकर लक्ष्य प्राप्त करना चाहिए। आगामी कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए मुख्य संरक्षक ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर भारत-नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में सीमा जागरण यात्रा और राष्ट्र रक्षा रैली का आयोजन होगा। प्रदेश के सभी सम्भागों में राष्ट्रहित एवं हिन्दू हित से जुड़े विषयों पर संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। कार्यक्रमों को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से योगीजी ने कहा कि प्रत्येक जनपद में कार्यालय खोले जायेंगे। पदाधिकारी अपने घरों तथा प्रमुख स्थानों पर बोर्ड तथा भगवा ध्वज लगायेंगे। साथ ही संचार क्रान्ति के युग में संगठन के विस्तार को व्यापक बनाने के लिए सक्रिय वेबसाइट के साथ फेस बुक तथा ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्किंग साइट की मदद ली जायेगी। जनपद स्तर पर हिन्दू विरोधी गतिविधियों का रिकार्ड रखा जायेगा।
‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ विषय पर व्याख्यान देते हुए विद्वान प्रभात रंजन दीन जी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा तभी सुनिश्चित हो सकती है जब देश की आन्तरिक एवं बाह्य सुरक्षा पुख्ता होगी। परन्तु वर्तमान में देश की बाह्य एवं आन्तरिक सुरक्षा तार-तार हो चुकी है। कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर भारत होते हुए समूची हिमालयी सीमा आज असुरक्षित है। भारत-नेपाल की खुली सीमा आज मुस्लिम जेहाद, आतंकवाद, चीन प्रेरित माओवाद व घुसपैठ का अड्डा बन चुका है। आन्तरिक सुरक्षा के लिए उन्होंने देश की भारतीय दण्ड विधान को मध्यकालीन अंग्रेजी सामन्ती व्यवस्था वाला बताते हुए कहा कि इस पर प्रमुख ब्रिटिश विद्वान ने भी यही बात कही थी और उन्होंने इसे खारिज करने की सलाह दी थी। दीन जी ने भारतीय आजादी, भारतीय संविधान और कानून को व्यक्ति केन्द्रित, छद्म केन्द्रित और नकल केन्द्रित बताया।
उन्होंने बताया कि संविधान देश की सम्प्रभुता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए मूल अधिकार प्रदान करता है, परन्तु बहुसंख्यक हिन्दू समाज के मूल अधिकारों का निरन्तर हनन हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ देश के विरुद्ध संघर्ष करने वालों को सरकारों द्वारा संरक्षण प्रदान किया जा रहा है। आतंकवाद को प्रभात रंजन दीन ने कुछ लोगों की आन्तरिक पशुता बताया। उन्होंने भारत की नयी पीढ़ी को अनुशासित एवं बहादुर बताते हुए कहा कि राष्ट्रवादी विचार के प्रभाव से इस पीढ़ी से देश की आन्तरिक और बाह्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकता है।
सम्मेलन के दूसरे सत्र में संगठन ने चार प्रस्ताव रखे। विश्व हिन्दु महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष भिखारी प्रजापति ने केन्द्र एवं राज्य सरकार की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति के विरुद्ध प्रस्ताव रखा जिसका अनुमोदन हिन्दु युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। प्रस्ताव का समर्थन शिव कुमार सिंह, विनय जायसवाल तथा ने किया। दूसरा प्रस्ताव गोरक्षा पर इं.रवीन्द्र प्रताप ने रखा जिसका अनुमोदन नागेन्द्र सिंह तोमर ने किया। संजीव अग्रवाल, श्यामलाल साहू और सूर्यमणि यादव ने प्रस्ताव का समर्थन किया। तीसरा प्रस्ताव गंगा रक्षा पर डा.सीएम सिन्हा ने रखा जिसका अनुमोदन मनीष पाण्डेय ने किया। पीयूष श्रीवास्तव, सचिन बढेरा तथा राजकुमार निगम ने समर्थन किया। चौथा प्रस्ताव भारत-नेपाल सीमा के सन्दर्भ में राष्ट्रीय सुरक्षा पर राजदेव सिंह ने रखा तथा अनुमोदन सुनील सिंह ने किया। प्रस्ताव का समर्थन पूर्व विधायक अतुल सिंह, राम सिंगार गौतम तथा ज्योतिष मणि त्रिपाठी ने किया। सम्मेलन में प्रस्तुत किये गये सभी चार प्रस्तावों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
दूसरे सत्र में विश्व हिन्दु महासंघ के रिक्त पद हेतु सम्पन्न हुए चुनाव में वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष भिखारी प्रजापति के नाम का प्रस्ताव राष्ट्रीय महासचिव डा.सीएम सिन्हा ने रखा जिसका अनुमोदन कोषाध्यक्ष अवधेश सिंह ने किया। उसके बाद भिखारी प्रजापति को सर्वसम्मति से विश्व हिन्दु महासंघ उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष चुन लिया गया। कानपुर मण्डल प्रभारी साकेत सिंह ‘सोनू’ को आगरा-अलीगढ़ सम्भाग का प्रभारी, सचिन बढेरा को बरेली-मुरादाबाद सम्भाग का सह प्रभारी तथा शिव कुमार सिंह को कानपुर विभाग का सह प्रभारी बनाया गया।
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