बागपत (महबूब अली)। भले ही आधुनिक युग में बेटियों के बजाय बेटों बेटों के पैदा होने की दुआएं मांगी जाती हों मगर बागपत में एक परिवार इस तरह का भी है, बेटी के जन्म की ही दुआएं मांगी जाती है। क्योंकि बेटा जन्म लेता है तो 12 साल बाद विकलांग हो जाता है ओर बेटिया स्वस्थ रहती है। बेटों की बीमारी को सही करते-करते पिता 2 लाख के कर्ज के नीचे दब चुका है। किसी ने भी पीडि़त परिवार की मदद करना मुनासिब नहीं समझा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसे जेनेटिक प्रोब्लम बता रहे हैं, जो लड़कियों में नहीं बल्कि लडक़ों में ही होती है।
बागपत के ईदगाह मोहल्ले में निसार पुत्र जमशेद अपने परिवार समेत रहता है। पुताई का काम कर वह परिवार का पालन-पोषण करता है। मगर उसके पैदा होने वाले लडक़े 12 साल की उम्र तक पहुंचते ही अजीबोगरीब बीमारी से ग्रस्त हो जाते है। बताया कि सबसे पहले उसकी पत्नी खतीजा को सलमान पैदा हुआ। जो अन्य बच्चों की तरह ही हंसता व खेलता था। मगर जैसे ही वह 12 साल की उम्र में पहुंचा तो अचानक विकलांग सा हो गया। मुंह से आवाज भी निकलनी बंद सी हो गई। 15 से 16 साल तक की उम्र में पहुंचते ही उसने चलना पूरी तरह से बंद कर दिया। वह चारपाई पर पड़ा हुआ ही सब कुछ करता है। एक माह पूर्व ही इसी बीमारी से सलामन ने दम तोड़ दिया। बिल्कुल यही कहानी दूसरे बच्चे इमरान (15) व इकराम (13) के साथ दोहराई गई। यह भी 12 साल की उम्र में पैर रखते ही इसी तरह की बीमारी से ग्रस्त हो गए। जबकि बच्ची सलमा पूरी तरह से स्वस्थ है। तीनों को परिजनों ने दिल्ली, मुम्बई, नोएडा व अन्य स्थानों पर इलाज कराना चाहा। मगर चिकित्सकों ने जवाब दे दिया। अंत में थक हार कर तीनों बच्चों को परिजनों ने मकान के अंदर ही बैठाना मुनासिब समझा। बच्चों का इलाज कराने में निसार करीब दो लाख का कर्जदार भी हो गया है। मगर बच्चों का इलाज नहीं हो पाया है।
पता नहीं कैसी सजा दे रहा है अल्लाह ताआला
निसार की पत्नी खतीजा का कहना है कि जिस समय उनके यहां पर सलमान का जन्म हुआ तो परिजनों में खुशी का ठिकाना न रहा। मगर 12 साल की उम्र के दौरान अजीब बीमारी से ग्रस्त होने से उनके हिस्से में दुख के सिवाय कुछ भी नहीं है। पता नहीं अल्लाह ताआला उन्हें क्यों और कैसी सजा दे रहा है। अब तो बच्चे का जन्म होने पर वे लडक़ी होने की ही दुआ करते हैं।
सीएमओ ने बताया जेनेटिक प्रोब्लम
सीएमओ डा. जेपी शर्मा का कहना है कि यह एक जेनेटिक प्रोब्लम है। परिजनों के जीन में कोई इफेक्ट से 12 साल की आयु में आने पर बच्चे की मसल्स कमजोर होनी शुरु हो जाती है। जीन के लिए दो हालात होते हैं। मेल व फीमेल, यह मगर यह मेल पर ही असर करता है। इसके प्रभाव में आने से बच्चा लंगडा, ब्लड निकलना, न बोलना आदि से भी ग्रस्त हो जाता है। अनुवांशिकता के कारण होता है। शारीरिक विकास भी पूरी तरह से रुक जाता है। स्थिति यह आती है कि 40 वर्ष की आयु तक जाने में पीडि़त की मौत तक हो जाती है। फिर भी बच्चों के घर पर टीम भेजकर हालात का जायजा लिया जायेगा।
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