देहरादून। पिछले दिनों कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बेहद गोपनीय तरीके से आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। वह सबसे ज्यादा प्रभावित रुद्रप्रयाग भी गए। रात को वह गोचर में आईटीबीपी के गेस्ट हाउस में रुके। इसके बाद सुबह हेलिकॉप्टर से गुप्तकाशी पहुंचे और वहां अस्पताल में भर्ती लोगों के अलावा स्थानीय लोगों से भी मिले। पूरी तरह से तबाह हो चुके केदारनाथ और बद्रीनाथ जाने का भी उनका कार्यक्रम है। गुप्तकाशी में स्थानीय लोगों ने जब राहुल से मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के वहां न पहुंचने की शिकायत की तो राहुल उनका बचाव करते भी दिखे। राहुल ने कहा कि मुख्यमंत्री के आने से सुरक्षा इंतजामों से लोगों को परेशानी होती है। उन्होंने अपने बारे में सफाई देते हुए कहा कि यही वजह है कि वह भी शुरुआती दो-तीन दिन यहां नहीं आए।
उत्तराखंड की सरकार और देश के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने पिछले दिनों गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को हवाई सर्वे तक सीमित रखा था। शिंदे ने मुख्यमंत्री बहुगुणा को छोड़कर किसी भी वीआईपी को आपदा प्रभावित इलाकों में न जाने की सलाह दी थी। उन्होंने मोदी का नाम लिए बिना कहा था कि किसी मुख्यमंत्री को तो छोड़िए देश के गृहमंत्री को भी प्रभावित क्षेत्रों में लैंड करने की इजाजत नहीं है। वीआईपी दौरे से पुलिस उनकी सुरक्षा के तामझाम में लग जाएगी और राहत व बचाव कार्य प्रभावित होगा। सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने भी मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि कुछ लोग आपदा पर्यटन पर निकले हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी उत्तराखंड में बतौर कांग्रेस उपाध्यक्ष गए हैं न कि वीआईपी की हैसियत से। उन्होंने कहा कि राहुल यह देखने गए हैं कि राहत सामग्री लोगों तक पहुंची है या नहीं। उन्होंने ने कभी नहीं कहा कि मैं रैंबो हूं, मैंने ये किया मैंने वो किया। रेणुका चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी व्यक्तिगत तौर पर वहां जाकर नुकसान का जायजा लेना चाहते हैं। राहुल के आपदा के समय देश से बाहर रहने पर हो रही आलोचनाओं को चौधरी ने खारिज किया। उन्होंने कहा कि आपको पता नहीं है कि वह क्या कर रहे हैं। आप क्या चाहते हैं...क्या हम आपको यह बताएं कि उन्होंने बाल कब कटवाए या कब थूका या फिर छींका। हर कोई ऐसा नहीं होता कि जो इन चीजों की पब्लिसिटी करे। उन्होंने कहा कि राहुल ने अपने उत्तराखंड दौरे को लो प्रोफाइल रखा है। वह राहत कार्य में बाधा नहीं पहुंचाना चाहते। गौरतलब है कि इस आपदा की घड़ी में राहुल के देश से बाहर होने को बीजेपी ने मुद्दा बना दिया था। नरेंद्र मोदी आनन-फानन में उत्तराखंड पहुंच गए थे और दावा किया गया था कि उनके दो दिन के दौरे के दौरान ही उन्होंने देहरादून और ऋषिकेश से करीब 15000 गुजरातियों के घर लौटने की व्यवस्था करवा दी थी। (साभार)
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