काबुल। चरमपंथियों ने अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में राष्ट्रपति भवन और कई सरकारी इमारतों पर पर हमला किया है। पुलिस के अनुसार, सभी हमलावरों को मार दिया गया है। यह हमला भारतीय समयानुसार सुबह 7:30 बजे शुरू हुआ। हमला होते ही कई धमाके सुने गए। हमलावरों ने राष्ट्रपति भवन के पूर्वी हिस्से पर सबसे पहले हमला किया जहां चरमपंथियों और राष्ट्रपति भवन के सुरक्षाकर्मियों के बीच गोलीबारी हुई।
तालिबान ने हमले की ज़िम्मेदारी ली है। ये ताज़ा हमला उस समय हुआ जब कुछ ही दिन पहले करज़ई ने तालिबान से अमेरिका समर्थित शांति वार्ता पर आपत्तियां जताईं थीं। हमलावरों ने सबसे पहले राष्ट्रपति भवन के पूर्वी हिस्से को निशाना बनाया जहां दर्जनों पत्रकार करज़ई की प्रेस वार्ता की कवरेज के लिए वहां मौजूद थे। क़तर में तालिबान के नए दफ़्तर को लेकर करज़ई और अमेरिका में मतभेद पैदा हो गए थे। अभी ये निश्चित नहीं है कि हमले के समय राष्ट्रपति करज़ई महल में थे या नहीं। उधर, तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने एक एसएमएस के ज़रिए कहा कि कई 'शहीदों' ने राष्ट्रपति भवन, रक्षा मंत्रालय और एरियाना होटल पर हमला किया है। एरियाना होटल में ही सीआईए का दफ़्तर है।
काबुल के पुलिस प्रमुख औब सालंगी ने कहा कि दो घंटों के अंदर चरमपंथी हमले को नाकाम कर दिया गया। ऐसा माना जा रहा है कि इसमें चार लोग शामिल थे और उन सभी को मार डाला गया है। पुलिस के अनुसार वो नक़ली पास के ज़रिए चेकपोस्ट को पार करने में सफल हो गए थे। पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल (आईएसएएफ़) ने सुरक्षा की ज़िम्मेदारी अफ़ग़ान सैनिकों को सौंप दी थी। 2001 में तालिबान के सत्ता से हटने के बाद से नेटो सेना ये ज़िम्मेदारी निभा रही थी। लेकिन 2014 के आख़िर तक सभी अंतरराष्ट्रीय सैनिक अफ़ग़ानिस्तान छोड़कर चले जाएंगे।
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