नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा 2012 में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के अंक सार्वजनिक कर दिए। इस प्रतिष्ठित परीक्षा के इतिहास में पहली बार ऐसा किया गया है। मज़ेदार बात यह है कि दो महिलाओं समेत इनमें से सिर्फ़ चार लोग ही 50% से अधिक अंक प्राप्त कर सके हैं। प्रथम स्थान पर रहीं केरल की इंजीनियर हरिता वी कुमार ने 2250 में से 1193 यानी 53% अंक हासिल किए हैं। उन्हें लिखित परीक्षा में 1013 और साक्षात्कार में 180 अंक मिले हैं। यूपीएससी की वेबसाइट पर सफल अभ्यर्थियों के अंक जारी करने का फ़ैसला केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के निर्देश पर किया गया। इससे पहले सभी अभ्यर्थियों को उनके अंक व्यक्तिगत रूप से भेजे जाते थे। सफल अभ्यर्थियों के अंकों को सार्वजनिक करने के लिए कई लोग सीआईसी से आग्रह करते थे कि इसके लिए यूपीएससी को निर्देश दिए जाएं। देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक इस परीक्षा में प्रथम चार में से तीन अभ्यर्थी केरल के हैं। विज्ञान और इंजीनियरिंग विषयों के साथ भी इस परीक्षा में अच्छे अंक पाना आसान नहीं होता। सभी सफल अभ्यर्थियों को आईएएस, आईएफ़एस, आईपीएस और अन्य महत्वपूर्ण केंद्रीय सेवाओं में नियुक्ति मिलेगी। परिणामों के अनुसार 48% से 50% अंक पाने वाले सामान्य वर्ग के छात्रों को सबसे ऊंची तीन सेवाओं आईएएस, आईएफ़एस और आईपीएस के लिए चुना गया। सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम अंक सीमा 42% थी। अन्य वर्गों के लिए यह 35% तक रही। हालांकि अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के कई अभ्यर्थियों ने अच्छे अंक प्राप्त किए और वह सामान्य वर्ग के अव्वल छात्रों के साथ खड़े दिखे। अंक सार्वजनिक किए जाने के साथ ही 250 अंकों वाले साक्षात्कार (पर्सनैलिटी टेस्ट) के परिणाम भी सार्वजनिक हो गए। यह परिणाम अभ्यर्थी का भविष्य तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यूपीएसपी के एक अधिकारी का कहना है कि अंक सार्वजनिक करने से तीन चरणों में होने वाली इस परीक्षा को लेकर पारदर्शिता आएगी। इसके अलावा हर साल मिलनी वाले हज़ारों आरटीआई आवेदनों से भी आयोग को मुक्ति मिल जाएगी। (साभार)
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