देहरादून (अलका मिश्रा झा)। यौन अनाचार के आरोपों से घिरे पुलिस के एक एडीशनल एसपी की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। आला अफसरों की ओर से आरोपी को बचाने की कवायद की आहट मात्र से बिफरी पीड़िता ने पुलिस मुख्यालय में जमकर हंगामा किया और आमरण अनशन पर बैठ गई। पुलिस ने उसे मुख्यालय परिसर से जबरन बाहर निकाल दिया तो पीड़िता ने सड़क पर ही अनशन शुरू कर दिया। दिलचस्प यह है कि एकमात्र अनशनकारी से निपटने के लिए एसपी देहात के नेतृत्व में कई थानों की फोर्स दिन भर पुलिस मुख्यालय के बाहर मुस्तैद रही। बाद में मामले की दोबारा जांच कराने का आश्वासन देकर उसे अनशन से उठाकर अस्पताल भेजा गया।
अल्मोड़ा की एक युवती का आरोप है कि नैनीताल रैंज के एक एडीशनल एसपी ने उसे शादी का झांसा दिया और कई महीने तक उसकी आबरू लूटता रहा। युवती जब शादी की जिद करने लगी तो आरोपी अफसर मुकर गया और मोटी रकम देकर उसका मुंह बंद करना चाहा। पुलिस अधिकारी के हाथों कथित रूप से अपना सबकुछ लुटा चुकी युवती की शिकायत पर डीजीपी सत्यव्रत ने डीआईजी नैनीताल संजय गुंज्याल से इसकी जांच कराई और रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी। इस पूरे प्रकरण में पेंच यह है कि डीआईजी की जांच रिपोर्ट में आरोपी अफसर को सिर्फ अश्लील एसएमएस करने और युवती से जानबूझकर निकटता बढ़ाने का दोषी पाया गया है। यानी युवती के रेप संबंधी आरोपों को खारिज कर दिया गया है। दिलचस्प यह भी है कि पीड़िता को जांच रिपोर्ट की भनक तक नहीं लगने दी गई। जांच रिपोर्ट के तथ्य जब मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक हुआ तो बिफरी युवती चार मई को सीधे डीजीपी कार्यालय पहुंची और हंगामा शुरू कर दिया। डीजीपी सत्यव्रत ने युवती से बगैर कोई वार्ता किए अपने दफ्तर से चले गए। देर शाम युवती की मुलाकात आईजी लॉ एंड आर्डर राम सिंह मीणा से हुई। आईजी मीणा ने युवती से साफ कह दिया कि जांच रिपोर्ट की कॉपी उसे नहीं दी जा सकती। उसे यह नहीं बताया जा सकता कि जांच रिपोर्ट में क्या है। यानी पुलिस अधिकारी ने उसी युवती को जांच रिपोर्ट के बारे में बताने से इनकार कर दिया। इससे आहत पीड़िता पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सोमवार की दोपहर पुलिस मुख्यालय पहुंची और डीजीपी कार्यालय के बाहर अनशन पर बैठ गई। इससे पहले डीजीपी दफ्तर से निकल चुके थे। युवती के अनशन पर बैठते ही पुलिस के कई जवान और महिला पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे तथा युवती को जबरन मुख्यालय परिसर से बाहर कर दिया। इसी बीच एसपी देहात ममता वोहरा के नेतृत्व में कई थाने की फोर्स पुलिस मुख्यालय पहुंच गई। एसपी देहात व अन्य पुलिस अधिकारी देर शाम तक युवती को अनशन खत्म करने के लिए मनाते रहे परंतु इसका कोई नतीजा नहीं निकला। देर शाम आईजी राम सिंह मीणा और एडीएम हरक सिंह रावत ने युवती से दोबारा वार्ता की। आईजी ने कहा कि यदि जांच से संतुष्ट नहीं है तो महिला अफसर से दोबारा जांच कराई जाएगी।
मेरी जान को खतरा: पीड़िता
रेप पीड़िता युवती का कहना है कि आरोपी अफसर जब पैसे का लालच देकर उसका मुंह बंद नहीं कर सके तो वह अब धमकी दे रहे हैं। पीड़िता ने आरोपी अफसर की पत्नी पर भी धमकी देने का आरोप लगाया है। पुलिस मुख्यालय के बाहर युवती ने मीडिया को बताया कि यदि उसके साथ न्याय नहीं मिला तो वह यहीं पर अनशन कर अपना प्राण त्याग देगी।
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