नई दिल्ली/अमृतसर। लाहौर की कोट लखपत जेल में खूंखार हमलावरों का शिकार हुए सरबजीत सिंह की मौत सिर पर गहरी चोट लगने की वजह से हुई है। भारत में उनके शव के पोस्टमॉर्टम से यह भी पता चला है कि उनकी बॉडी में किडनी और दिल नहीं थे। डॉक्टरों का कहना है कि सामान्य तौर पर पोस्टमॉर्टम के वक्त किडनी और दिल निकाल लिए जाते हैं, इसलिए हो सकता है कि पाकिस्तान में पोस्टमॉर्टम करते वक्त दोनों अंग निकाल लिया गया हो। खबर है कि सरबजीत सिंह का अंतिम संस्कार आज दोपहर दो बजे उनके पैतृक गांव तरनतारन के भिखीविंड में राजकीय सम्मान के साथ होगा। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने सरबजीत सिंह को शहीद का दर्जा दिए जाने के साथ ही उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। पंजाब सरकार के कई मंत्री के अलावा केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री परनीत कौर भी सरबजीत के अंतिम संस्कार में शामिल होंगी। सरबजीत के अंतिम दर्शन के लिए भिखीविंड में काफी लोग पहुंच रहे हैं। लाहौर से सरबजीत का शव लाए जाने के बाद गुरुवार रात पट्टी के सिविल अस्पताल में पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने उनका दोबारा पोस्टमॉर्टम किया, जिसकी रिपोर्ट आज आएगी। पोस्टमार्टम से पहले जब सरबजीत का शव ताबूत से निकाला गया तो उनके मुंह से खून बहने के निशान थे। पोस्टमॉर्टम के दौरान सरबजीत के सिर के छह एक्सरे लिए गए, जिनमें सिर की हड्डियां कई जगहों पर टूटी मिलीं। दिमाग में जमे खून के थक्के भी साफ दिखे। पोस्टमॉर्टम करने वाले बोर्ड में शामिल फॉरेंसिक विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर गुरमनजीत राय के मुताबिक सिर और शरीर के कई हिस्सों पर चोट के निशान हैं। बोर्ड में शामिल डॉक्टरों की राय है कि सरबजीत का वजन 90 किलो के करीब रहा होगा और सेहत तंदरुस्त थी। जांच में यह सामने आया है कि जान से मारने की नीयत से उनके सिर पर इतने वार किए गए कि उनका चेहरा बदल गया। डॉक्टरों का कहना है कि सरबजीत की मौत सिर पर चोट की वजह से हुई है, लेकिन मरने के समय के बारे में केमिकल टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा। (साभार, एनबीटी)
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