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18 पुराणों व उप पुराणों में जीवन का सार निहितः सन्त रमेश भाई ओझा

भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सम्पन्न 
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन परिसर में 19 मई से चल रहे भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के अन्तिम दिन (26 मई को) भागवत कथा मर्मज्ञ सन्त श्री रमेश भाई ओझा ने कहा कि चारों वेदों में बीस हजार मन्त्र हैं। वहीं अट्ठारह पुराणों और उप पुराणों में एक करोड़ से ज्यादा मन्त्र श्लोक हैं। इन मन्त्रों में अनेक प्रेरणादायी कथानक भरे पड़े हैं, जिनसे जीवन को बदला और सजाया जा सकता है। पुराण के इन मन्त्रों में मानव जीवन का सार निहित है। रमेश भाई ओझा ने ऋषिनगरी ऋषिकेश में सम्पन्न भागवत कथा ज्ञान यज्ञ समारोह को जीवन का अनूठा अवसर बताया। बार-बार यहां आने की इच्छा व्यक्त की। भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन वाराणसी के प्रख्यात उद्योगपति स्व.दीनदयाल जालान की प्रथम पुण्य स्मृति पर किया गया था। जिसका संयोजन केशव जालान, सूर्यकान्त जालान व कृष्ण कुमार जालान ने किया। जूना अखाड़ा के प्रमुख महामण्डलेश्वर श्री स्वामी अवधेशानन्द गिरि भी 26 मई को कथा मंच पर पहुंचे और भाईश्री का अभिनन्दन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के आदि ग्रन्थों में वेद, उपनिषद, ब्राह्मण और आरण्यक इन चारों को आदि ग्रन्थ के रूप में मान्यता मिली है। विज्ञानसम्मत सांस्कृतिक विवेचना के साथ यह वाड्.मय ज्ञान-विज्ञान का विराट भण्डारागार है। कालक्रम में अन्यान्य ग्रन्थ रचे गए और अट्ठारह पुराणों को मान्यता मिली। भागवत कथा उसमें प्रमुख है, जिसके माध्यम से ऊंचे सिद्धान्तों व प्रतिपादनों को कथा-कथानकों तथा गीत-संगीत आदि के माध्यम से जनसामान्य को हृदयस्थ कराने में सफलता मिलती है। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष श्री स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने सभी धर्मप्रेमियों, प्रभुप्रेमियों, संस्कृतिप्रेमियों एवं देशप्रेमियों से पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों में हाथ बंटाने का आह्वान किया। जल है तो कल है, वायु है तो आयु है, जैसे उद्घोष करते हुए श्री मुनि जी महाराज ने सभी से जलस्रोतों की रक्षा एवं उनकी निर्मलता के लिए आगे बढ़कर काम करने को कहा। प्रख्यात गांधीवादी अन्ना हजारे अपनी जनतंत्र यात्रा के बीच से परमार्थ निकेतन पहुंचे थे। आज उन्होंने भी सन्त श्री रमेश भाई ओझा की भागवत कथा का श्रवण किया। कथा के समापन पर अन्ना हजारे ने सन्त समुदाय व भक्त समुदाय से अपील की कि वह भ्रष्टाचारमुक्त देश के नवनिर्माण के महायज्ञ में हाथ बंटाएं। एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए भ्रष्टाचार रूपी घुन से देश को बचाने की जरूरत है। आज समय आ गया है कि हम-सबको मिलकर इस घुन को पूरी तरह समाप्त करना होगा। भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के समापन सत्र में उत्तराखण्ड के शहरी विकास एवं पशुपालन मंत्री प्रीतम सिंह पंवार भाग लेने के लिए सपरिवार परमार्थ निकेतन पहुंचे। उन्होंने व्यास पीठ पर सन्तश्री रमेश भाई ओझा का अभिनन्दन राज्य सरकार की ओर से किया। उन्होंने परमार्थ निकेतन के रचनात्मकता से ओतप्रोत आध्यात्मिक कार्यक्रमों की सराहना करते हुए नई पीढ़ी के निर्माण हेतु भागवत कथा जैसे आयोजनों को जरुरी बताया। पिछले आठ दिनों से चल रही भागवत कथा एवं ज्ञान यज्ञ की आज विधिवत पूर्णाहुति हो गई। इस अवसर पर मथुरा के काष्र्णि पीठाधीश्वर श्री स्वामी गुरुशरणानन्द जी महाराज, भारत माता मन्दिर-समन्वय ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष श्री स्वामी गोविन्द गिरि एवं लोक अधिकार मंच लखनऊ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनिल सिंह सहित कई गण्यमान व्यक्ति मौजूद थे।
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