जम्मू। कोट भलवल जेल में सरबजीत की मौत से गुस्साए कैदियों ने एक पाकिस्तानी कैदी सन्नाउल्लाह पुत्र आशिक हुसैन पर हमला कर दिया। हमले में सन्नाउल्लाह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे उपचार के लिए गवर्नमेंट कालेज अस्पताल जम्मू में लाया गया है। जहां उसे गहन चिकित्सा कक्ष (आइसीयू) में रखा गया है। डाक्टरों ने उसकी हालत को अत्यंत नाजुक करार देते हुए बताया कि वह कोमा में है। वहीं, जेल प्रशासन ने इस मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। इधर, जम्मू-कश्मीर सरकार ने सन्नाउल्लाह पर हुए हमले पर कड़ा रुख अपनाते हुए जेल अधीक्षक रजनी सहगल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन भी किया गया है।
वहीं, भारत में पाकिस्तान उच्चायोग ने इस हमले की निंदा करते हुए पाकिस्तानी कैदियों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। पाकिस्तानी उच्चायोग ने विदेश मंत्रालय स्तर पर मामले को उठाया है और अपने अधिकारियों की जम्मू में घायल कैदी से मुलाकात की इजाजत मांगी है। इस हमले के बाद कोट बलवाल जेल में बंद सभी पाकिस्तानी कैदियों को अलग सेल में रखने की तैयारी की जा रही है। इस बीच, सन्नाउल्लाह पर हमला करने वाले की पहचान पूर्व सैन्यकर्मी विनोद सिंह के रूप में हुई है। मूलत: उत्तराखंड के रहने वाले विनोद पहले सेना में था और अपने एक साथी की हत्या के बाद उसे सेना से सेवामुक्त (कोट मार्शल) कर दिया गया था और इन दिनों वह कोट भलवल जेल में सजा काटा रहा था। विनोद के पिता का नाम महताब सिंह है। विनोद ने वर्ष 2007 में लेह में अपने एक साथी की हत्या कर दी थी और कोर्ट मार्शल में उसे आजीवन कारावास हुई थी। फिलहाल, घरोटा पुलिस स्टेशन में सन्नाउल्लाह की जान लेने के प्रयास में विनोद के खिलाफ धारा 307 का मामला दर्ज कर लिया गया है। इस समय वह पुलिस की हिरासत में हैं। वहीं, गुजरांवाला, पाकिस्तान के रहने वाले सन्नाउल्लाह को वर्ष 1999 में आतंकी गतिविधियों के आरोप में पकड़ा गया था। उधर, भारतीय गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों को भारतीय जेलों में बंद लगभग 200 पाकिस्तानी कैदियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाए जाने का निर्देश दिया था। उधर, पाकिस्तानी जेलों में भी लगभग 270 भारतीय कैदी सज़ा काट रहे हैं, जिनमें अधिकतर भारतीय मछुआरे हैं। (साभार, दैजा, एनडीटीवी)
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