नई दिल्ली। लगातार तीसरे साल महिलाओं ने आईएएस परीक्षा के टॉपरों में अपनी जगह बना ली है। भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा (आईएएस) में अव्वल रहने वाली हरिता वी कुमार को जब उनके दोस्तों ने फोन कर यह बताया कि वह टॉपर हैं तो उन्हें इस बात पर यकीन ही नहीं हुआ। एक मलयालम टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि शुरुआत में मुझे बिल्कुल यक़ीन नहीं हो रहा था। मुझे लगा कि फोन पर बधाई देने वाले मेरे दोस्त मुझसे मज़ाक कर रहे हैं। हरिता भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में पहले से ही अधिकारी हैं और फिलहाल फरीदाबाद में नियुक्त हैं। उन्होंने आईएएस परीक्षा में चौथे प्रयास में टॉपर बनकर शानदार सफलता पाई है। दो दशक के लंबे अंतराल के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा में केरल से कोई टॉपर बना है। कोच्चि के वी.श्रीराम ने दूसरे पायदान पर और इसी राज्य के अल्बी जॉन वर्गीज चौथे पायदान पर जगह बनाने में कामयाब रहे। दोनो छात्र मेडिकल पृष्ठभूमि से हैं। इंजीनियरिंग में स्नातक करने वाली हरिता ने प्रशासनिक सेवा के लिए अर्थशास्त्र और मलयालम को अपना मुख्य विषय चुना था। सामान्य, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग में भी महिलाओं ने ही अपना दबदबा कायम किया है। जोधपुर के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाली स्तुति चरण ने तीसरे प्रयास में तीसरी टॉपर बनने का रुतबा हासिल किया है। वह फिलहाल अहमदाबाद में यूसीआई बैंक में प्रोबेशनरी ऑफिसर के तौर पर प्रशिक्षण ले रही हैं। उनके पिता राम करण बारेठ जयपुर में राजस्थान स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन में उप निदेशक (प्रशासन) हैं। उनका कहना है कि उनकी बेटी ने कभी कोई कोचिंग नहीं की और वह 8-10 घंटे की पढ़ाई करती थीं। पांचवे पायदान पर 2011 बैच की आईपीएस का प्रशिक्षण ले रही रुचिका कात्याल ने अपनी जगह बनाई। 26 वर्षीय कात्याल हरियाणा के रोहतक से हैं और वह एक चार्टर्ड अकाउंटेंट भी हैं। आईएएस परीक्षा में सफल 998 उम्मीदवारों में से 753 पुरुष और 245 महिला उम्मीदवार हैं। टॉप 25 सफल उम्मीदवारों में से छह ने पहले प्रयास में नौ उम्मीदवारों ने दूसरे प्रयास में आठ ने तीसरे प्रयास में टॉपर बनने का रुतबा हासिल किया है। आईएएस के टॉप 25 उम्मीदवारों का ताल्लुक 12 राज्यों मसलन दिल्ली, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश से है। (साभार)
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