लखनऊ। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष श्री स्वामी चिदानन्द सरस्वती ‘मुनि जी महाराज’ को नोबल पर्सन सम्मान प्रदान किया गया है। उन्हें यह सम्मान गंगा एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए राष्ट्रीय हिन्दी मासिक पत्रिका ‘नोबल इण्डिया’ की ओर से पीजीआई नोएडा के निदेशक डा. अरुण भट्ट एवं पत्रिका के प्रधान सम्पादक रवि चाणक्य द्वारा दिया गया। लखनऊ के चारबाग स्थित रवीन्द्रालय में आयोजित समारोह में श्री मुनि जी महाराज को नोबल पर्सन से नवाजा गया। इस अवसर पर अनेक बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता, चिकित्सक एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे। समारोह के मुख्य अतिथि श्री स्वामी जी ही थे। उन्होंने प्रशासन, आन्तरिक सुरक्षा, सीमा सुरक्षा, चिकित्सा, आयुर्विज्ञान, आयुर्वेद, होम्योपैथी, न्याय, लेखन, शिक्षा, मीडिया, कला, समाजसेवा आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले डेढ़ दर्जन लोगों को सम्मानित किया।
इस मौके पर श्री स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने नोबल कार्यों के लिए नोबल प्रयत्न करने वाले व्यक्तित्वों की भूरि-भूरि सराहना की। ‘औरों के हित जो जीता है औरों के हित जो मरता है, उसका हर आँसू रामायण प्रत्येक कर्म ही गीता है’ का उद्धरण देते हुए उन्होंने दूरस्थ क्षेत्रों के वंचित व्यक्तियों की शिक्षा और चिकित्सा के लिए काम करने वाले युवाओं को आज का ऋषि और मुनि कहा। उन्होंने कहा कि भारत इसलिए महान है कि यहां हिमालय जैसे ऊँचे और समुद्र जैसे गहरे व्यक्तित्वों की श्रृंखला निरन्तर चली आ रही है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वह अपने सेवा कार्यों से ‘सर्वे सन्तु निरामयाः’ का मन्त्र दुनिया के कोने-कोने तक लगातार पहुँचाते रहें।
श्री स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने उप्र के सिंचाई एवं लोक निर्माण मन्त्री शिवपाल सिंह यादव के कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर गोमती, गंगा और यमुना की निर्मलता के सम्बन्ध में मंत्रणा की। इस अवसर पर दक्षिण कालीपीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर श्री स्वामी कैलाशानन्द ब्रह्मचारी एवं निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्री स्वामी नरेन्द्र गिरि भी मौजूद थे। श्री स्वामी जी एवं सिंचाई मन्त्री की इस बैठक में प्रदेश के राजस्व मन्त्री अम्बिका चैधरी एवं प्रमुख सचिव सिंचाई दीपक सिंघल ने भी भाग लिया। श्री यादव ने गंगा एक्शन परिवार-परमार्थ निकेतन के कार्यों की सराहना करते हुए मेरठ के गढ़मुक्तेश्वर एवं मुजफ्फरनगर के शुक्रताल के गंगा तटों को आदर्श क्षेत्र बनाने का आग्रह श्री स्वामी जी से किया तथा यमुना के लिए उप्र सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी उन्हें दी। उन्होंने कानपुर में गंगा और कन्नौज की काली नदी पर भी काम करने की इच्छा जताई। श्री मुनि जी महाराज ने उप्र में गंगा, यमुना व गोमती के किनारे जैविक खेती शुरू कराने का सुझाव राज्य सरकार को दिया। उन्होंने अयोध्या, काशी एवं नैमिषारण्य आदि तीर्थों के विकास की भी रणनीति सिंचाई मन्त्री को दी। प्रदेश के जन्तु उद्यान मन्त्री प्रो. एसपी यादव ने श्री स्वामी जी को अपने सरकारी निवास पर आमन्त्रित कर गंगा एक्शन परिवार द्वारा किए चलाई जा रही पर्यावरण संरक्षण योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। परमार्थ प्रवक्ता के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग में हुई श्री स्वामी जी की बैठक में एनसीसी ब्वायज एवं गल्र्स के कमाण्डरों, स्काउट गाईड अधिकारियों आदि ने गोमती के लिए गंगा एक्शन परिवार के प्रयासों में सहयोग करने की रणनीति बनाई।
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