नई दिल्ली। रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को 22 मई को भारत का नया नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) नियुक्त किया गया। कैग के पद पर शर्मा की नियुक्ति ऐसे समय हुई है जब यह संस्थान अपनी रपटों पर विवाद को लेकर चर्चा में है। बिहार कैडर के 1976 बैच के आईएएस अधिकारी शर्मा, साढ़े पांच साल के बहुचर्चित कार्यकाल के बाद सेवानिवृत हो रहे विनोद राय का स्थान लेंगे। विनोद राय के कार्यकाल में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन और कोयला ब्लॉक आवंटन रपटों को लेकर कैग सरकार के निशाने पर रहा।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक राष्ट्रपति ने शशिकांत शर्मा को संविधान की धारा 148 (1) के तहत नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) नियुक्त किया है।’ यॉर्क विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर शर्मा 23 मई को कैग का कार्यभार संभालेंगे। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा 62 वर्षीय शर्मा को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। विनोद राय की तरह शर्मा भी वित्तीय सेवाओं के विभाग में बतौर सचिव सेवाएं दे चुके हैं। कैग की नियुक्ति छह साल या 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्ति जो भी पहले हो, तक के लिए की जाती है। कैग के तौर पर शर्मा की नियुक्ति ऐसे समय में की गई है जब 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन वाली लेखापरीक्षा रिपोर्ट को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी के निशाने पर है। राय के कार्यकाल में कैग पर अपने अधिकार क्षेत्र से परे जाने और नीतिगत निर्णयों के विश्लेषण में लिप्त होने का आरोप लगाया गया।
राय ने हालांकि यह कहते हुए पलटवार किया कि सरकार चाहती है कि कैग महज एक लेखाकार बना रहे। राय के सेवानिवृत्त होने से महज कुछ दिनों पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि मुख्य लेखापरीक्षक ने ‘अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर और काल्पनिक आंकड़े पेश कर’ भारत की छवि बिगाड़ने की कोशिश की है। नए कैग शर्मा को अगस्तावेस्टलैंड हेलीकाप्टर सौदे पर ऑडिट रिपोर्ट तैयार करनी होगी। वह इस सौदे के शुरुआती दिनों से लेकर 2010 में इसके पूरा होने तक इससे नजदीकी से जुड़े रहे। (साभार)
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