गोरखपुर। गोरखपुर-बस्ती मंडल की पांच लोक सभाई सीटों पर मिशन 2014 के चेहरे तय हो गए हैं। हालांकि अभी भी चार क्षेत्रों के उम्मीदवार तय होने बाकी हैं। पार्टी ने लोकसभा चुनाव में हर कीमत पर सफलता पाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। महाराजगंज सीट पर पार्टी के घोषित उम्मीदवार के नाम पर थोड़ा कार्यकर्ताओं में मत•ोद है।
गोरखपुर संसदीय क्षेत्र : राजमती निषाद
पार्टी की उम्मीदवार राजमती गोरखपुर जनपद की पिपराईच विधान सभा क्षेत्र सेपार्टी की विधायक हैं। पूर्व मंत्री स्व.जमुना प्रसाद निषाद की विरासत में क्षेत्र की जनता ने दूसरीबार विधायक चुना है। बसपा सरकार के मंत्री रहे निषाद के निधन के बाद सपा ने राजमती का अपना टिकट दिया। विधायक बनीं। अब पार्टी लोक सभा चुनाव की बैतरणी जमुना निषाद की विरासत संभालने वाली राजमती के सहारे पार करना चाहती है।
बस्ती संसदीय क्षेत्र : बृजकिशोर सिंह उर्फ डिम्पल
हर्रैया के विधायक और राज्य सरकार के काबीना मंत्री राजकिशोर सिंह के छोटे भाई बृजकिशोर सिंह को पार्टी ने अपना चेहरा बनाया है। दल ने लोक सभा चुनाव में अपनी जीत का समीकरण डिम्पल में देखा है। मंत्री राजकिशोर सिंह ने बीते चुनाव में भी भाई के लिए टिकट मांगा था। मगर, नेतृत्व तैयार नहीं हुआ तो राजकिशोर को ही चुनाव मैदान में डंटना पड़ा। सपा का यहां बीते चुनाव में दूसरा स्थान मिला था।
डुमरियागंज संसदीय क्षेत्र : माता प्रसाद पाण्डेय
दूसरी बार सरकार संचालन की महती जिम्मेदारी संभालने वाले माता प्रसाद पाण्डेय की गणना पार्टी के कद्दावर के रूप में है। पार्टी ने प्रतिष्ठापरक डुमरियागंज सीट पर विधान सभा अध्यक्ष श्री पाण्डेय के सहारे मैदान मारने का मन बनाया है। इटवा विधान सभा सीट से जीत की हैट्रिक लगाने वाले माता प्रसाद सपा मुखिया के प्रबल वैचारिक सहयोगी हैं।
खलीलाबाद संसदीय क्षेत्र : अब्दुल कलाम
सजातीय मतों में मजबूत पकड़ रखने वाले कद्दावर सपाई अब्दुल कलाम अबकी दल की प्रतिष्ठा बचाने के लिए उतरे हैं। कार्यकर्ताओं के बीच ख्याति पाने वाले कलाम बीता विधान सभा चुनाव हार गए। सपा ने वर्ष 2012 के अभियान में कलाम को मेहदावल की जगह खलीलाबाद सदर से आजमाया था। कलाम ने मेंहदावल से जीत की हैट्रिक लगाई थी। मगर पीस पार्टी के मुखिया डा.अयूब से चुनाव हार गए।
(साभार)
गोरखपुर संसदीय क्षेत्र : राजमती निषाद
पार्टी की उम्मीदवार राजमती गोरखपुर जनपद की पिपराईच विधान सभा क्षेत्र सेपार्टी की विधायक हैं। पूर्व मंत्री स्व.जमुना प्रसाद निषाद की विरासत में क्षेत्र की जनता ने दूसरीबार विधायक चुना है। बसपा सरकार के मंत्री रहे निषाद के निधन के बाद सपा ने राजमती का अपना टिकट दिया। विधायक बनीं। अब पार्टी लोक सभा चुनाव की बैतरणी जमुना निषाद की विरासत संभालने वाली राजमती के सहारे पार करना चाहती है।
बस्ती संसदीय क्षेत्र : बृजकिशोर सिंह उर्फ डिम्पल
हर्रैया के विधायक और राज्य सरकार के काबीना मंत्री राजकिशोर सिंह के छोटे भाई बृजकिशोर सिंह को पार्टी ने अपना चेहरा बनाया है। दल ने लोक सभा चुनाव में अपनी जीत का समीकरण डिम्पल में देखा है। मंत्री राजकिशोर सिंह ने बीते चुनाव में भी भाई के लिए टिकट मांगा था। मगर, नेतृत्व तैयार नहीं हुआ तो राजकिशोर को ही चुनाव मैदान में डंटना पड़ा। सपा का यहां बीते चुनाव में दूसरा स्थान मिला था।
डुमरियागंज संसदीय क्षेत्र : माता प्रसाद पाण्डेय
दूसरी बार सरकार संचालन की महती जिम्मेदारी संभालने वाले माता प्रसाद पाण्डेय की गणना पार्टी के कद्दावर के रूप में है। पार्टी ने प्रतिष्ठापरक डुमरियागंज सीट पर विधान सभा अध्यक्ष श्री पाण्डेय के सहारे मैदान मारने का मन बनाया है। इटवा विधान सभा सीट से जीत की हैट्रिक लगाने वाले माता प्रसाद सपा मुखिया के प्रबल वैचारिक सहयोगी हैं।
खलीलाबाद संसदीय क्षेत्र : अब्दुल कलाम
सजातीय मतों में मजबूत पकड़ रखने वाले कद्दावर सपाई अब्दुल कलाम अबकी दल की प्रतिष्ठा बचाने के लिए उतरे हैं। कार्यकर्ताओं के बीच ख्याति पाने वाले कलाम बीता विधान सभा चुनाव हार गए। सपा ने वर्ष 2012 के अभियान में कलाम को मेहदावल की जगह खलीलाबाद सदर से आजमाया था। कलाम ने मेंहदावल से जीत की हैट्रिक लगाई थी। मगर पीस पार्टी के मुखिया डा.अयूब से चुनाव हार गए।
(साभार)
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