मुम्बई। वर्ष 2002 के नरोडा पाटिया नरसंहार मामले में पूर्व बीजेपी मंत्री माया कोडनानी तथा 9 अन्य को मृत्युदंड देने की मांग पर गुजरात सरकार की सहमति को हिंदुओं पर घातक प्रहार करार देते हुए शिवसेना ने कहा कि हिंदुओं को मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से अलग तरह की उम्मीदें थीं। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है, दरअसल (लोगों में) ऐसी सोच है कि मोदी हिंदुओं के रक्षक हैं। कोडनानी और बजरंगी के लिए मृत्युदंड की मांग हिंदुओं पर घातक प्रहार है क्योंकि हिंदुओं को मोदी से भिन्न उम्मीदें थीं। कहा गया है, इस देश में हिंदू होना अपराध है। हमें इस बात का दुख है कि हिंदुओं पर घातक प्रहार करने वाले भी हिंदू हैं। पिछले साल अगस्त में निचली अदालत ने कभी मोदी की करीबी रहीं कोडनानी को 28 साल की कैद की सजा सुनायी थी जबकि बाबू बजरंगी को शेष जीवन जेल में बिताने का आदेश दिया गया। आठ अन्य को 31 साल की कैद की सजा सुनायी गयी। बाईस को 24 साल के कारावास का दंड दिया गया। अहमदाबाद के नरोडा पाटिया में 28 फरवरी, 2002 को एक हिंसक भीड़ ने 97 लोगों की हत्या कर दी थी। गोधरा ट्रेन नरसंहार के अगले दिन गुजरात में सांप्रदायिक दंगा भड़क गया था। इस सप्ताह की शुरुआत में गुजरात सरकार ने कोडनानी और अन्य के लिए मृत्युदंड की मांग करते हुए हाईकोर्ट में अपील करने का फैसला किया। कहा गया है, इस बात पर दो राय नहीं हो सकती कि अपराधी दंडित किए जाएं लेकिन जब अदालत पहले ही कोडनानी और बजरंगी को कठोर सजा सुना चुकी है तो गुजरात सरकार मृत्युदंड की मांग कर दुनिया को क्या दिखाना चाहती है?'
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