नई दिल्ली। लाहौर के अस्पताल में भर्ती सरबजीत सिंह की गंभीर हालत को देखते हुए भारत सरकार ने मानवीयता के आधार पर उन्हें रिहा करने और इलाज के लिए यहां भेजने को कहा लेकिन पाकिस्तान ने यह अपील ठुकरा दी। पाकिस्तान के सूचना मंत्री आरिफ निजामी ने कहा कि सरबजीत का बेस्ट पॉसिबल इलाज किया जा रहा है और उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट करने का कोई प्लान नहीं है। इससे पहले खबरें आई थीं कि सरबजीत का इलाज कर रहा मेडिकल बोर्ड उन्हें विदेश भेजने पर विचार कर रहा है। लेकिन निजामी ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि सरबजीत का इलाज जिन्ना हॉस्पिटल में ही किया जाएगा। जबकि नियमानुसार मेडिकल बोर्ड को यह फैसला करने का अधिकार ही नहीं है। दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम यह मांग दोहराएंगे कि सरबजीत पर हमले की ठीक से जांच हो और दोषियों की पहचान करके उन्हें सजा दी जाए। यह पाकिस्तान सरकार की जिम्मेदारी है कि अपनी जेलों में बंद भारतीयों की सुरक्षा करे। जिन्ना अस्पताल से जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक डीप कोमा में चले गए सरबजीत की हालत गंभीर बनी हुई है व सेहत में कोई सुधार नहीं है। डॉक्टर इसे न्यूरो सर्जरी की बड़ी चुनौती मान रहे हैं और बचने की संभावना कम ही बता रहे हैं। लाहौर के दो वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर सरबजीत को इलाज के लिए ब्रिटेन भेजने, रिहा करने और हमले के मामले की फेडरल इनवेस्टिगेशन एजेंसी से जांच कराने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट इन याचिकाओं पर कब सुनवाई करेगा, यह अभी तय नहीं है। (साभार)
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