पटना। जदयू नेता व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समर्थकों के बीच चल रही जुबानी जंग नित नया मोड़ ले रही है। भारतीय जनता पार्टी की टिप्पणी पर जवाब देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गोधरा काड के समय भले ही वह रेलमंत्री रहे हों, लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। नीतीश ने यहां के श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में कम्फेड के स्थापना दिवस समारोह से निकलने के बाद पत्रकारों से कहा कि गोधरा हिंसा के लिए गुजरात सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय केवल रेलवे की पटरी तक सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होता है। उसके बाद किसी शहर में फैली हिंसा व कानून व्यवस्था रोकना राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है। गोधरा हिंसा के समय गुजरात सरकार को समुचित कदम उठाना चाहिए था। सोमवार को भाजपा की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा था कि गुजरात के गोधरा स्टेशन पर कारसेवकों के डिब्बे में जब आग लगी थी तब नीतीश कुमार एनडीए की सरकार में रेलमंत्री थे। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी इस मामले में नीतीश कुमार की आलोचना की थी। गौरतलब है कि 2002 गुजरात में गोधरा स्टेशन पर अयोध्या से लौट रहे कारसेवकों के डिब्बे में आग लगने कारण 58 की मौत के बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे।
टिप्पणी नाकाबिले बर्दाश्तः बिहार भारतीय जनता पार्टी ने साफ कर दिया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने इस मसले पर कहा कि देश प्रधानमंत्री व वित्तमंत्री की नीतियों से त्रस्त है। ऐसे दौर में उनकी आलोचना छोड़कर नीतीश कुमार सहयोगी दल के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर हैं। मोदी हमारे सम्मानित नेता हैं। पार्टी कार्यकर्ता उनकी आलोचना बर्दाश्त नहीं करेंगे। पांडेय ने कहा कि बिहार के विकास में बाधा बनी केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदेश के लोग संघर्ष कर रहे हैं। यूपीए सरकार की गलत नीतियों के चलते महंगाई चरम पर है। पूरा देश इससे त्रस्त है। इस माहौल में नीतीश कुमार भाजपा के एक सफल मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व वित्तमंत्री पी चिदंबरम की तारीफ कर रहे हैं। यह बात समझ से परे है। (साभार)
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