पटना। राज्य सरकार इस वर्ष भी पशु आहार की खरीदारी पर पशुपालकों को प्रति किलो दो रुपये का अनुदान देगी। पशुपालकों को अनुदान गर्मी के तीन माह तक मिलेगा ताकि पशुओं के लिए हरे चारे की भरपाई की जा सके। ये बातें मंगलवार को स्थानीय श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में बिहार स्टेट मिल्क को-आपरेटिव फेडरेशन लि.(कम्फेड) के 30 वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल, मई एवं जून में हरे चारे के अभाव में दूध का उत्पादन गिर जाता है। उसकी भरपाई पशु आहार से की जा सकती है। इसके लिए पशुपालकों को पशु आहार की खरीदारी पर प्रति किलो दो रुपये का अनुदान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही राज्य सरकार पशु चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए वेटेनरी विश्वविद्यालय की स्थापना करेगी। मुख्यमंत्री ने सुधा को सलाह दी कि दिल्ली में दस्तक देने के बाद देशभर में विस्तार करने की तैयारी करें, सरकार भरपूर सहयोग देने के लिए तैयार है। उन्होंने जोर दिया कि कम्फेड देशी पशुओं के संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए भी समुचित कदम उठाये। केवल विदेशी नस्ल के पशुओं पर आश्रित होना ठीक नहीं है।
मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य में काफी बदलाव हुआ है। लेकिन बैंकों के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है। बैंकों को कृषि के क्षेत्र में 25400 करोड़ रुपये ऋण देना था लेकिन दिसम्बर तक बैंकों ने 15 हजार किसानों को मात्र 241 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया है। समारोह में पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं तैयार की है। गाय पालन पर 50 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था की गयी है। सरकार की कोशिश है कि जीरो लागत पर दूध का उत्पादन हो ताकि पशुपालकों की आय बढ़ायी जा सके। उन्होंने कहा कि लागत में कमी कर ही पशुपालन को लाभकारी बनाया जा सकता है। मंत्री ने कहा कि हरे चारे का उपयोग कर पशुपालक दूध उत्पादन में वृद्धि कर सकते हैं और इससे लागत में भी भारी कमी आयेगी। इस अवसर पर विभाग की योजनाओं पर पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के प्रधान सचिव शशि शेखर शर्मा ने विस्तार से प्रकाश डाला। समारोह में आये अतिथियों का स्वागत काम्फेड की प्रबंध निदेशक हरजोत कौर ने किया। मौके पर उन्होंने बताया कि कम्फेड की दूध संग्रह करने की क्षमता 18 लाख लीटर तक पहुंच गयी है। (साभार)
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