समस्तीपुर, एनएफए। बिहार के समस्तीपुर जिले में हुए गर्भाशय घोटाला कांड की जांच अपराध अनुसंधान विभाग के पुलिस उप महानिरीक्षक कमल किशोर सिंह ने शुरू कर दी है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत हुए इस घोटाले में समस्तीपुर जिले के निजी नर्सिंग होम संचालकों पर करीब 55 सौ मरीजों का गर्भाशय निकाले जाने के नाम पर बड़ी राशि का घोटाला करने का आरोप लगा है। इसमें कुछ गैरजरूरी या फर्जी ऑपरेशन होने की शिकायतें की गई थीं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक गर्भाशय घोटाला के मामले में समस्तीपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी कुंदन कुमार के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा जांच कराई गई थी। जांच के बाद पांच निजी चिकित्सालयो के संचालकों के खिलाफ नगर और मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस अधीक्षक वण कुमार सिन्हा ने नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया था। तब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और निजी नर्सिंग होम के संचालकों ने इसका विरोध करते हुए उच्च स्तर पर जांच की मांग की थी। उन्होंने मामले की गलत ढंग से जांच कराने और प्राथमिकी दर्ज होने के विरोध में पुलिस महानिदेशक समेत वरिष्ठ अधिकारियों से पूरे मामले की जांच कराने की मांग की थी। (साभार)
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत हुए इस घोटाले में समस्तीपुर जिले के निजी नर्सिंग होम संचालकों पर करीब 55 सौ मरीजों का गर्भाशय निकाले जाने के नाम पर बड़ी राशि का घोटाला करने का आरोप लगा है। इसमें कुछ गैरजरूरी या फर्जी ऑपरेशन होने की शिकायतें की गई थीं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक गर्भाशय घोटाला के मामले में समस्तीपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी कुंदन कुमार के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा जांच कराई गई थी। जांच के बाद पांच निजी चिकित्सालयो के संचालकों के खिलाफ नगर और मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस अधीक्षक वण कुमार सिन्हा ने नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया था। तब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और निजी नर्सिंग होम के संचालकों ने इसका विरोध करते हुए उच्च स्तर पर जांच की मांग की थी। उन्होंने मामले की गलत ढंग से जांच कराने और प्राथमिकी दर्ज होने के विरोध में पुलिस महानिदेशक समेत वरिष्ठ अधिकारियों से पूरे मामले की जांच कराने की मांग की थी। (साभार)
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