मैरवा (सिवान), एनएफए। मैरवा नगर पंचायत क्षेत्र के सौंदर्यीकरण को मास्टर प्लान तैयार करने के विभागीय निर्देश का पालन नहीं हो सका। सेटेलाइट से तैयार करना था विकास का माडल और अतिक्रमण मुक्त नगर पंचायत में शहर की सभी सुविधाएं जनता को मुहैया कराने के लिए मैपिंग करनी थी, डीपीआर तैयार करना था, लेकिन अफसोस कि कुछ भी नहीं हो सका। यह योजना मैरवा को एक सुंदर नगर पंचायत बना नागरिकों को सभी तरह की शहरी सुविधा मुहैया करानी थी। स्वच्छता, नाले की व्यवस्था, सुनियोजित भवन निर्माण, पार्क, पोखरे, ग्रीन सिटी, सुनियोजित विद्युत आपूर्ति, पेयजल आपूर्ति, दुधिया रोशनी, वाहन स्टैंड, पार्किंग, सब्जी मंडी, रिक्शा-ठेला पड़ाव, रैन बसेरा, शौचालय निर्माण के लिए योजना तैयार करनी थी। इसके लिए सेटेलाइट से मैरवा नगर पंचायत का मानचित्र हासिल कर योजनाबद्ध शहर विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार करना था लेकिन इस दिशा में चार वर्ष बाद भी कुछ नहीं हो सका। क्षेत्र के लोग नगर पंचायत को टैक्स तो देते हैं लेकिन सुविधा के नाम पर उन्हें कुछ खास हाथ नहीं लग पाता।
मौजूदा स्थिति ये है कि नगर पंचायत क्षेत्र में सफाई कर्मियों की संख्या कम होने, उनका वेतन भुगतान समय पर न होने से सफाई नहीं हो पाती। सभी वार्डों में सड़कों पर कूड़े का ढेर दिखता है। कूड़ेदान अपनी जगह पर मौजूद नहीं है। वार्ड 1, 2, 3, 11, 12, 13 में नाले की कमी है। इनमें कई वार्ड ऐसे भी हैं जहां नाला बना ही नहीं है। सड़क निर्माण में असमानता लोगों में नाराजगी का कारण है। कहीं सड़क के ऊपर सड़क बनी है तो कहीं गढ्डे में सड़क समा चुकी है। सड़क के ऊपर निर्माण से सड़कें ऊंची हो गयी हैं और पूर्व से बने मकान नीचे हो जाने से बरसात का पानी घर में चला जाता है। मुख्य नाले की सफाई ठीक ढंग से नहीं हो पाती है। रोशनी का प्रबंध प्रतिनिधियों की लापरवाही का शिकार हो चुका है। सोलर लाइट लगाने की योजना साकार नहीं हो सकी है। प्रशासनिक भवन निर्माण दो वर्षों से ठप है। चार वर्ष पूर्व नगर पंचायत क्षेत्र में प्रखंड कार्यालय के पूरब पोखरे का सौंदर्यीकरण करने एवं पार्क का निर्माण कराने के लिए प्राक्कलन तैयार किया गया था लेकिन इसके आगे कुछ नहीं हो सका। (साभार)
मौजूदा स्थिति ये है कि नगर पंचायत क्षेत्र में सफाई कर्मियों की संख्या कम होने, उनका वेतन भुगतान समय पर न होने से सफाई नहीं हो पाती। सभी वार्डों में सड़कों पर कूड़े का ढेर दिखता है। कूड़ेदान अपनी जगह पर मौजूद नहीं है। वार्ड 1, 2, 3, 11, 12, 13 में नाले की कमी है। इनमें कई वार्ड ऐसे भी हैं जहां नाला बना ही नहीं है। सड़क निर्माण में असमानता लोगों में नाराजगी का कारण है। कहीं सड़क के ऊपर सड़क बनी है तो कहीं गढ्डे में सड़क समा चुकी है। सड़क के ऊपर निर्माण से सड़कें ऊंची हो गयी हैं और पूर्व से बने मकान नीचे हो जाने से बरसात का पानी घर में चला जाता है। मुख्य नाले की सफाई ठीक ढंग से नहीं हो पाती है। रोशनी का प्रबंध प्रतिनिधियों की लापरवाही का शिकार हो चुका है। सोलर लाइट लगाने की योजना साकार नहीं हो सकी है। प्रशासनिक भवन निर्माण दो वर्षों से ठप है। चार वर्ष पूर्व नगर पंचायत क्षेत्र में प्रखंड कार्यालय के पूरब पोखरे का सौंदर्यीकरण करने एवं पार्क का निर्माण कराने के लिए प्राक्कलन तैयार किया गया था लेकिन इसके आगे कुछ नहीं हो सका। (साभार)
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