मैरवा (सिवान)। तृतीय शिक्षक नियोजन के अभ्यर्थियों द्वारा फर्जीवाड़ा की कोशिशों को झटका लगा है। फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे शिक्षक बन पाने का सपना चूर होता दिखने लगा है। नियोजन पत्र भेजने की तैयारी में जुटे विभाग ने अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच का काम तेज कर दिया है। मैरवा में तृतीय प्रखंड शिक्षक नियोजन के अभ्यर्थियों के टीईटी उत्तीर्ण व अन्य जांच क्रम में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा का मामला उजागर हुआ है। अब तक 57 फर्जी टीईटी उत्तीर्ण शिक्षक अभ्यर्थियों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई शुरू की गयी है। इनमें ऐसे भी आवेदक शामिल है जिनके परीक्षा परिणाम ही उपलब्ध नहीं है। जांच का काम जारी है। ऐसा माना जा रहा है कि ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या एक सौ से ज्यादा हो सकती है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बीडीओ को जांच प्रतिवेदन सौंपा गया है, उसके मुताबिक फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र वाले अभ्यर्थियों की सूची में सामाजिक विज्ञान के सात, गणित विज्ञान के तीन, हिन्दी भाषा के दो, अंग्रेजी के चार तथा बेसिक ग्रेड सामान्य शिक्षक के नौ अभ्यर्थी शामिल है। इसी प्रकार जांच में पाया गया है कि सामाजिक विज्ञान के 14, गणित के 4, हिन्दी के 6, अंग्रेजी के तीन तथा बेसिक ग्रेड सा. शिक्षक के पांच अभ्यर्थियों को पाया गया है। बीडीओ के स्तर से प्रकाशित औपबंधिक मेधा सूची में अभ्यर्थियों के नाम के सामने दर्ज टेट (टीईटी) क्रमांक के आधार पर सभी विषयों के अभ्यर्थियों की टेट उत्तीर्णता की जांच बीईओ द्वारा करके पाये गये त्रुटि का निराकरण करने के लिए बीडीओ को प्रतिवेदन सौंप दिया गया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि मैरवा में इसका सप्लायर कौन है या किसने तैयार किए इसे। इस रैकेट का तार कहां से जुड़ा हुआ है। क्या पूर्व के शिक्षक नियोजन में भी ऐसा ही हुआ है। अगर फर्जी टीईटी उत्तीर्ण आवेदकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी की जाती तो सभी सवालों का एक साथ जवाब मिल जाएगा। (साभार)
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