
बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व में मोदी की बढ़ी भागीदारी ने ऐसी संभावना बढ़ा दी है कि गुजरात के मुख्यमंत्री अपनी दावेदारी को और मजबूत करने के लिए राज्य के चुनावी अखाड़े में उतर सकते हैं। कांग्रेस मानकर चल रही है कि यह चुनाव बीजेपी को राज्य की सत्ता से निकाल फेकेंगे। पार्टी का विश्वास सातवें आसमान पर इसलिए भी है क्योंकि हाल में आए नगर निकाय चुनाव परिणाम में बीजेपी तीसरे स्थान पर सिमट कर रह गई है। परिणाम शहरी मतदाताओं को कांग्रेस के पक्ष में जाता दिखाते हैं। कर्नाटक चुनाव से पहले बीजेपी में हुए फेरबदल और मोदी के राष्ट्रीय स्तर पर बढ़े कद ने चुनाव में नई कड़ी जोड़ दी है। कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी कह भी चुके हैं कि मोदी की पहली चुनौती कर्नाटक चुनाव होंगे। अभी तक यह साफ नहीं है कि मोदी इस लड़ाई में कूदेंगे या नहीं, यद्यपि बीजेपी खुद इस बारे में फैसला नहीं कर सकी है लेकिन वहीं, राहुल गांधी कांग्रेस की तरफ से राज्य की चुनावी कमान संभाल रहे हैं। आशा कि किरण इसलिए भी है क्योंकि कर्नाटक की जीत कांग्रेस की छवि को बदल सकती है। पार्टी इससे पहले भगवा ब्रिगेड से हिमाचल की सत्ता छीन चुकी है। (साभार)
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