नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली के डीसीपी प्रभाकर के अनुसार आरोपी की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आरोपी बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है। उसका नाम मनोज है। उन्होंने बताया कि घटना के विरुद्ध आवाज उठाने वाले बालिका से कथित बदतमीजी करने वाले एसीपी अहलावत को निलंबित कर दिया गया है। इलाके के एसएचओ और आईओ को भी निलंबित कर दिया गया है। प्रभाकर ने बताया कि आरोपी किराएदार था और पुलिस ने 15 तारीख को ही अपहरण का मामला दर्ज कर लिया गया था। जांच टीमें 17 तारीख से ही इसकी जांच में लगी हुई हैं। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि आरोपी की पहचान बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले मनोज के तौर पर हुई जिसने आठ दिन पहले ही गांधी नगर में किराये पर कमरा लिया था। बच्ची के बारे में अस्पताल के चिकित्सक डॉ.आरके बसंल ने बताया कि अगले 24 से 48 घंटे बच्ची के लिए गंभीर होंगे। साथ ही उसके निजी अंगों, सीने, होंठ और गालों पर घाव हैं। उन्होंने बताया कि उसकी गर्दन पर भी निशान हैं, जिससे पता चलता है कि आरोपियों ने उसका गला दबाने की कोशिश की। वह पूरी तरह होश में नहीं थी और डरी हुई थी। उसने शुरुआत में हमें जांच नहीं करने दी, क्योंकि उसे बहुत दर्द हो रहा था। उसे बुखार भी था और दवाइयां देने के बाद उसके शरीर का तामपान सामान्य हो गया। हालांकि उसे दोबारा बुखार आ गया और हमने पाया कि उसे संक्रमण है। डॉ.बंसल ने बताया कि अनस्थीसिया देने के बाद कुछ और परीक्षण किए गए। पाया गया कि उसके शरीर में कुछ बाहरी वस्तुएं जैसे मोमबत्ती और बालों में लगाए जाने वाले तेल की 200 मिलीलीटर की शीशी पाई गई।
इस घटना से आक्रोशित लोगों ने उस अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया, जिसमें बच्ची को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। आम आदमी पार्टी (एएपी) के कार्यकर्ताओं ने आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही बीजेपी नेता विजय गोयल के साथ आए करीब सौ समर्थकों ने भी अस्पताल के बाहर शीला दीक्षित के खिलाफ नारेबाजी की। अस्पताल एक साइलेंट जोन है फिर राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने यहां जमकर हंगामा किया। बच्ची के पिता ने बताया कि जब बच्ची को पड़ोसी के घर में जख्मी हालत में पाया गया, तो पुलिस ने उन्हें चुप रहने के लिए दो हजार रुपये देने की बात कहते हुए कहा, शुक्र है बच्ची जिंदा तो है। बच्ची की मां ने कहा कि पीड़िता जब बाहर खेलने गई थी तभी उसे अगवा कर लिया गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इन आरोपों को नकारते हुये कहा कि उन्होंने बच्ची को उसी इमारत से पाया जहां वह रह रही थी और पीड़िता को तुरंत अस्पताल ले गए। साथ ही जैसे ही उनकी नजर में यह मामला आया उन्होंने अपहरण का मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने बलात्कार और हत्या का प्रयास करने का मामला भी दर्ज कर लिया है।
बच्ची से दरिंदगी पर मन विचलितः पीएम
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि पांच साल की लड़की से बलात्कार से वह बेहद विचलित हैं और उन्होंने समाज से इस बुराई को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। उन्होंने इस घटना का विरोध करने वाली कुछ महिलाओं के साथ पुलिस अधिकारियों द्वारा किए गए बर्ताव पर भी नाराजगी जतायी और कहा कि यह बिल्कुल अस्वीकार्य है। उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल तेजेंद्र खन्ना से दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री यह शर्मनाक खबर सुनकर बेहद परेशान हैं कि पांच साल की लड़की का यौन उत्पीडऩ किया गया और वह अब अस्पताल में मौत से जंग लड़ रही है। प्रधानमंत्री ने एक बार फिर समाज के अपने अंदर झांकने तथा बलात्कार एवं ऐसे अन्य अपराधों को उसके द्वारा उखाड़ फेंकने के लिए काम करने की जरूरत दोहराई। बयान के अनुसार सिंह ने इस घटना का विरोध कर रही कुछ महिलाओं के साथ पुलिस अधिकारियों के बिल्कुल अस्वीकार्य बर्ताव की खबर देखी। (साभार)
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