नई दिल्ली। फांसी की सजा पाए खालिस्तानी आतंकवादी देविंदर पाल सिंह भुल्लर की जान बचाने के लिए पंजाब सरकार भले ही राज्य में आतंकवाद बढ़ने की बात कह रही हो पर सचाई यह है कि बीते कई साल से पंजाब में खालिस्तानी आतंकवादी गुट अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं। गृह मंत्रालय को इस बात की पुख्ता जानकारी है कि अमेरिका और यूरोप में रह रहे खालिस्तानी नेता पाकिस्तान के जरिए लगातार यह कोशिश कर रहे हैं कि पंजाब का माहौल फिर बिगाड़ा जाए। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने सोमवार को गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से मिलकर भुल्लर को फांसी न देने की गुजारिश की थी। बादल का तर्क है कि भुल्लर को फांसी दिए जाने पर खालिस्तानी नेता इसका भावनात्मक इस्तेमाल करके लोगों को बहका सकते हैं। इससे राज्य में कानून व्यवस्था की हालत तो बिगड़ेगी ही साथ में एक बार फिर आंतरिक सुरक्षा को बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा।
बादल की मांग पर केंद्र सरकार भी संवेदनशील है। उसे पंजाब की असलियत अच्छे तरीके से मालूम है। शायद यही वजह है कि गृहमंत्री शिंदे ने मंगलवार को पत्रकारों से यह कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री की मांग पर वह विचार करेंगे। लेकिन गृह मंत्रालय के सीनियर अफसर यह मानते हैं कि भुल्लर या राजोआना को फांसी दी जाए या नहीं। पंजाब में खालिस्तानी आतंकियों की गतिविधियां चल रही हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पुराने खालिस्तानी आतंकियों को पूरी मदद दे रही है। एक सीनियर अफसर के मुताबिक, 2007 की पुलिस महानिदेशक की सालाना कॉन्फ्रेंस में यह मुद्दा उठा था। तब यह बताया गया था कि किस तरह खालिस्तानी आतंकवादी राज्य में आतंकवाद को फिर से खड़ा करना चाहते हैं। 2011 की बैठक में भी इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई थी। तत्कालीन इंटेलिजेंस ब्यूरो प्रमुख ने यह माना था कि पाकिस्तान के जरिए पंजाब में बड़े पैमाने पर विस्फोटक और हथियारों का जखीरा पहुंच चुका है। आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए आईएसआई बड़े पैमाने पर ड्रग्स और नकली भारतीय करेंसी भारत भेज रही है। हर साल यह मुद्दा उठा है और हर बार यह कह गया है कि खालिस्तानी आंदोलन को फिर से खड़ा करने की साजिश चल रही है।(साभार, एनबीटी)
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