गोरखपुर। खोराबार थाने का ढाई हजार रुपये के ईनामी बदमाश दयाशंकर निषाद को पुलिस ने उस वक्त दबोच लिया जब वह डीएम आफिस पर पुलिस के खिलाफ धरना देने आया था। सोमवार की सुबह वह अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे को फर्जी बताते हुए कलेकट्रेट में डीएम आफिस पर पहुंच गया। भगोड़े अपराधी के पहुंचने की खबर मिलते ही पुलिस के कान खड़े हो गए। एसपी सिटी परेश पांडेय तत्काल हमराहियों के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस को देखते ही बदमाश वहां से भागने लगा और कुछ लोग उसका बीच बचाव करने लगे। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को हटा बदमाश को गिरफ्तार कर लिया। उसे जेल भेज दिया गया है। शातिर बदमाश पर थानाध्यक्ष व पुलिस पार्टी पर हमले के साथ ही 17 मुकदमे खोराबार थाने में संगीन धाराओं में दर्ज हैं। यह पुलिस का बर्खास्तशुदा सिपाही है।
खोराबार इलाके के मदरहवा निवासी हिस्ट्रीशीटर नंगा निषाद के बेटे दयाशंकर निषाद पर कई मुकदमें दर्ज है। 27 मार्च की शाम एक जमीन के विवाद में उसके भांजे कृष्णचंद निषाद को मारपीट कर घायल कर दिया। उसके बाएं हाथ में गोली लगी थी। आरोप हरेन्द्र यादव पर लगा। उसी दिन हरेन्द्र के पक्ष से भी एक तहरीर दी गई थी जिसमें दुकान पर चढ़कर मारने-पीटने का आरोप था। पुलिस ने दयाशंकर पक्ष की तहरीर पर रपट दर्ज कर लिया था मगर हरेन्द्र के करीबी सिकन्दर पासवान की तहरीर पर अगले दिन रपट दर्ज किया गया। इसके बाद से ही दयाशंकर पुलिस पर फर्जी मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाने लगा। दो दिन पहले उसने मीडिया से मुखातिब होकर फर्जी मुकदमा दर्ज होने की बात बताते हुए एसओ को हटाने के साथ ही कथित फर्जी मुकदमे को हटाने की मांग की। उस दिन उसने आरोप लगाया था कि पुलिस सत्ता के दबाव में काम कर रही है। अपनी इन्हीं मांगों को लेकर वह सोमवार को डीएम आफिस पहुंचा था और धरना देना शुरु कर दिया। उधर पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली कि उसके थाने का ईनामी अपराधी डीएम आफिस पर है सनसनी फैल गई। खोराबार के थानेदार श्रीप्रकाश यादव भागे-भागे वहां पहुंचे मगर उसके पहले ही एसपी सिटी ने उसे दबोच लिया था। धरना देने आए लोगों ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया तो पुलिस ने लाठियां भांजकर भीड़ को तितर-बितर कर दिया। (साभार)
खोराबार इलाके के मदरहवा निवासी हिस्ट्रीशीटर नंगा निषाद के बेटे दयाशंकर निषाद पर कई मुकदमें दर्ज है। 27 मार्च की शाम एक जमीन के विवाद में उसके भांजे कृष्णचंद निषाद को मारपीट कर घायल कर दिया। उसके बाएं हाथ में गोली लगी थी। आरोप हरेन्द्र यादव पर लगा। उसी दिन हरेन्द्र के पक्ष से भी एक तहरीर दी गई थी जिसमें दुकान पर चढ़कर मारने-पीटने का आरोप था। पुलिस ने दयाशंकर पक्ष की तहरीर पर रपट दर्ज कर लिया था मगर हरेन्द्र के करीबी सिकन्दर पासवान की तहरीर पर अगले दिन रपट दर्ज किया गया। इसके बाद से ही दयाशंकर पुलिस पर फर्जी मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाने लगा। दो दिन पहले उसने मीडिया से मुखातिब होकर फर्जी मुकदमा दर्ज होने की बात बताते हुए एसओ को हटाने के साथ ही कथित फर्जी मुकदमे को हटाने की मांग की। उस दिन उसने आरोप लगाया था कि पुलिस सत्ता के दबाव में काम कर रही है। अपनी इन्हीं मांगों को लेकर वह सोमवार को डीएम आफिस पहुंचा था और धरना देना शुरु कर दिया। उधर पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली कि उसके थाने का ईनामी अपराधी डीएम आफिस पर है सनसनी फैल गई। खोराबार के थानेदार श्रीप्रकाश यादव भागे-भागे वहां पहुंचे मगर उसके पहले ही एसपी सिटी ने उसे दबोच लिया था। धरना देने आए लोगों ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया तो पुलिस ने लाठियां भांजकर भीड़ को तितर-बितर कर दिया। (साभार)
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