दिल्ली। देश के चर्चित आरुषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड मामले में सीबीआई के एसपी एजीएल कौल ने गाजियाबाद कोर्ट में कहा है कि उस समय बाहर से आकर कोई इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम नहीं दे सकता था। यह हत्या राजेश और नुपुर तलवार (पापा-मम्मी) द्वारा किया गया है। बताते चलें कि इससे पहले सीबीआई ने इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस, गांधीनगर के डीडी महेंद्र सिंह दहिया को बतौर गवाह कोर्ट में पेश किया था। उन्होंने भी अदालत को बताया कि आरुषि और हेमराज की हत्या में किसी बाहरी व्यसक्ति का हाथ नहीं है। पूरा शक तलवार दंपती पर ही है। डॉ. दहिया के मुताबिक, आरुषि-हेमराज दोनों पर हमला आरुषि के कमरे में हुआ था। बाद में हेमराज के शव को छत पर ले जाया गया था। 26 सितंबर 2009 को सीबीआई के जॉइंट डायरेक्टर ने ईमेल से उन्हें इस केस के बारे में निर्देश दिया था। इसके बाद वह 09 अक्टूकबर 2009 को सीबीआई की जांच टीम के साथ घटनास्थल पर गए। (साभार, दैभा)
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