नई दिल्ली, एनएफए। इतिहास के बारे में कहा जाता है कि वह अपने आप को दोहराता है। गुरुवार को भी कुछ ऐसा ही वाकया हुआ, जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के मंच पर अपनी बात रखी। सीआईआई के मुख्य संरक्षक तरुण दास अपनी स्मृति पर जोर डालते हुए बताते हैं कि यह वाकया करीब 28 बरस पुराना है, जब राहुल के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उद्योग एवं व्यापार जगत के साथ अपनी पहली बातचीत में सभी का मन मोह लिया था। राजीव गांधी ने 28 साल पहले एसोसिएशन ऑफ इंडियन इंजीनियरिंग इंडस्ट्री द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अपनी बात से सभी को प्रभावित किया था।
सीआईआई को पहले इसी नाम से जाना जाता था। दास को वह तारीख भी अच्छी तरह से याद है। यह बात 22 मार्च, 1985 की है। जहां तक इतिहास को दोहराने की बात है तो उद्योग जगत पर जो जादू राजीव ने किया था कमोबेश राहुल का असर भी वैसा ही हुआ। दास ने कहा, 'आज राहुल गांधी को सुनना एक तरह से अतीत की स्मृतियों में खो जाने सरीखा था। उनके विचारों की गुणवत्ता और समझ निश्चित रूप से खास है। आज उन्हें सुनकर मेरे मन में उनके लिए सम्मान और ज्यादा बढ़ गया है।'
सीआईआई की सालाना आम बैठक के जरिये गांधी पहली बार उद्योग एवं व्यापार जगत से औपचारिक तौर पर मुखातिब हुए। वहीं सीआईआई के अध्यक्ष आदि गोदरेज ने कहा कि अपने पिता के उलट राहुल गांधी अनुभव के साथ राजनीति में दाखिल हुए हैं, जबकि उनके पिता को इंदिरा गांधी की हत्या के बाद अप्रत्याशित माहौल में सत्ता संभालनी पड़ी थी। उन्होंने कहा, 'राजीव काफी शांत थे जबकि राहुल काफी मुखर हैं और भविष्य में उनकी सक्रियता और बढ़ेगी। मगर यह वक्त एकदम अलग है। वैसे दोनों में संभवत: समानताएं कम हैं और दोनों का व्यक्तित्व काफी जुदा है।' गोदरेज भी गांधी के कायल हो गए और उन्होंने कहा कि वह समावेशी विकास से संबंधित गांधी के विचारों को लेकर उनके 'उत्साहÓ से प्रभावित हुए। गोदरेज ने कहा, 'विकास समावेशी होना ही चाहिए। यह वृद्घि में और तेजी कर सकता है।'
गांधी के मुरीद हुए उद्यमियों की फेहरिस्त यहीं खत्म नहीं हो जाती। वेलस्पन एनर्जी के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक विनीत मित्तल ने कहा, 'काफी लोग कहते हैं कि वह अक्सर पुरानी सियासी बातें दोहराते हैं लेकिन मुझे आज एकदम स्वाभाविक कोशिश लगी। मैं आज खुद को उनका प्रशंसक महसूस कर रहा हूं।Ó देश के प्रमुख उद्यमियों में से एक गिने जाने वाले वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने कहा, 'राहुल गांधी के आज के भाषण को सुनकर मैं अभिभूत हो गया। यह उनके बौद्घिक कौशल को दर्शाता है कि वह तेजी से तरक्की करते हुए भारत के हिमायती हैं, जिसकी खास वैश्विक भूमिका होगी।'
भारती समूह के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने भी गांधी के भाषण की भूरि-भूरि प्रशंसा। खुद गांधी ने भी अपने भाषण में मित्तल के नाम का कई बार जिक्र किया। मित्तल ने कहा कि 42 वर्षीय नेता का यह कदम बेहद अहम है कि वह उद्योग जगत के साथ एक नई साझेदारी विकसित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में गरीब, मध्य वर्ग और कारोबारी तबके को एक सूत्र में पिरोना ही गांधी के भाषण का मूल था। डीसीएम श्रीराम कंसोलिडेटेड के चेयरमैन और सीआईआई के उपाध्यक्ष अजय श्रीराम ने कहा, 'वह उद्योग जगत के साथ संवाद स्थापित करने के प्रति उत्सुक हैं। उन्हें उद्योग जगत पर पूरा भरोसा है।'
बहरहाल इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के को-चेयरमैन और सीआईआई के नामित अध्यक्ष एस गोपालकृष्णन जैसे उद्योग जगत के कई दिग्गजों के लिए यह एक तरह से ऐसी राजनीतिक हस्ती से संवाद करने का मौका साबित हुआ, जो अभी तक कारोबारी तबके से दूर रहा है। (साभार, बीएस)
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